नई दिल्ली: तमाम केन्द्रीय मंत्रियों को सोमवार से अपने-अपने दफ्तरों से काम शुरू करने और लॉकडाउन के बाद इकॉनमी को रफ्तार देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है. संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम आरंभ करेंगे. सूत्रों ने शनिवार को बताया है कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अफसर अपने अपने विभागों में काम आरंभ करें.
इसके साथ ही प्रत्येक मंत्रालय में जरुरी कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य है. जूनियर अधिकारी रोटेशन के आधार पर काम करते रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक सरकार कोरोना वायरस के हॉस्पॉट और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन का ऐलान करते हुए लोगों से घरों में रहने का आग्रह किया और कहा था जान है तो जहान है.
इसके बाद शनिवार को मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई बैठक में पीएम मोदी ने कहा, अब स्वस्थ और समृद्ध भारत के लिए जान भी आवश्यक है और जहान भी. देश का प्रत्येक व्यक्ति दोनों की चिंता करते हुए अपना दायित्व निभाएगा. पीएम मोदी का ये बयान कोरोना से निपटने में भारत की रणनीति की जीत का संकेत देता है.
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