8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट पाने पर भारत की धरती पर होगा विश्व जितना विकास
8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट पाने पर भारत की धरती पर होगा विश्व जितना विकास
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नई दिल्ली।: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज टाउन हाॅल में पहुंचे। इस दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। माय गोव पोर्टल पर रजिस्टर्ड लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। साथ ही मन की बात रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में अपने सुझाव और बात कहने वाले लोग भी यहां मौजूद थे। सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो भी खिंचवाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों एक भारत श्रेष्ठ भारत काॅन्टेस्ट जीतने वालों को पुरस्कृत किया गया। माय गोव के दो साल पूर्ण होने पर सभी ने उत्साह से टाउन हाॅल के कार्यक्रम में भागीदारी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ मोबाईल एप का लोकार्पण कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। लोकार्पण में एप की डिजीटलाईज़्ड जानकारी दी गई। इस एप को विकसित करने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया। प्रधानमंत्री ने मर्चेन्डाईस माय गोव डाॅट इन एप का लोकार्पण भी किया। कुछ लोगों ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग वीडियो संदेश भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की बात पर कहा कि जो लोग माय गोव से सक्रिय तौर पर जुड़ गए हैं उन्हें दिल से बहुत बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र का सरल अर्थ है एक बार चुनो और फिर पांच वर्ष के लिए काॅन्ट्रेक्ट दे दो। यदि कोई कमी रही तो दूसरा काॅन्ट्रेक्टर ढूंढ लेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र वहां सीमित हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनभागीदारी की लोकतंत्र में बहुत आवश्यकता होती है। तकनीक के कारण सहजतौर पर यह सब संभव हुआ है। आज जो स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है वह जनभागीदारी का उत्तम उदाहरण है। सभी कुछ न कुछ करने का प्रयास कर रहे हैं।

चुनाव जीतने के बाद सरकारों का इस बात पर ध्यान रहता है कि वे अगला चुनाव कैसे जीतें। पार्टियां सोचती हैं कि वे अपना जनाधार कैसे बढ़ाऐं। इसके कारण जिस उद्देश्य से कारवा चलता वह कुछ समय में ही थम जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीजों के प्रति उदासीनता प्रवेश कर गई है। देश में बदलाव लाने के लिए नीतियों और निर्णयों को जो महत्व है उतना ही महत्व माय डिलिवरी का है। यदि जो सोचा है समझा है अनुभव किया है उस पर पहुंचता नहीं है जो योजना आपने बनाई है उसका लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि मरीज को सरकारी चिकित्सालय में लाभ नहीं मिलता है तो फिर अरबों - खरबों रूपए लग जाने के बाद भी इसका लाभ नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारे पास में कुछ ओपिनियन मेकर यदि कुछ हो जाए तो प्रधानमंत्री को पूछेंगे। यदि छोटे स्तर पर कुछ हो गया तो प्रधानमंत्री जवाब दें। ऐसा होता है। यह सब राजनीतिक और टीआरपी के लिए ठीक हो सकता है। कई बार पंचायत स्तर पर विभिन्न स्तरों पर सभी को लगता है कि यह जिम्मेदारी मेरी नहीं है ऐसे में लोगों से हिसाब मांगना चाहिए तब सुधार होगा।

इसलिए गुड गवर्नेंस और पीपुल ओपिनियन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज तकनीक आ गई मगर उसके बाद भी सर्टिफिकेट अटेस्ट करने के लिए लोगों को अधिकारियों के पास घूमाते थे। मगर अब वह जेराॅक्स करके भेज देता है। जब उसे जाॅब मिलेगा तब टेली हो जाएगा। लोगों को आसानी हो यह सहज करने के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान को कितने रूपए में अपना अनाज बेचना चाहिए वह ई मंडी के माध्यम से किसान खुद तय करता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति है ग्रीवन्स रिडेसन्स सिस्टेनिटी। आखिर क्या जनता की आवाज सरकार सुनती है।

सुनती है तो जिम्मेदारी के साथ रिस्पाॅन्स करती है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व में मंदी का दौर चल रहा है दुनिया की पर्चेसिंग कैपेसिटी नीचे गिरती नज़र आ रही है। जब दुनिया में ऐसा दबाव हो तो ऐसी परिस्थिति में 7.5 की ग्रोथ पाना सवा सौ करोड़ भारतीयों के पुरूषार्थ से ही संभव है। उन्होंने कहा कि यदि परिवार में एक व्यक्ति कमाता है और 20 हजार रूपए प्रति माह आता है तो फिर उसमें घर कैसे चलाते हैं विभिन्न तरह के खर्च के बारे में सोचते हैं मगर परिवार में एक और व्यक्ति कमाने लगे तो तुरंत हमारे खर्चे प्रबंधित हो जाते हैं देश की स्थिति में भी यही हाल होता है ज़्यादा पैसा होता है तो विकास होता है। यदि ज्यादा पैसे होंगे तो रोड बनाने वाले को पैसा मिलेगा।

रोड बनेगा तो लोगों को काम मिलेगा। काम मिलेगा तो वह काफी कुछ खरीदेगा। इन सभी के लिए स्ट्रेटेजी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संपदा का जितना उपयोग करेंगे उतना अच्छा परिणाम आएगा। केवल युवा और मिलियन की संख्या आंकने से नहीं होगा हमें फोकस करने की जरूरत है किसकी क्या क्षमता है यह आंकलन कर कार्य करें तो डेवलपमेंट होगा। यदि हम टूरिज़म को बढ़ावा दें तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। पहले ताजमहल बना मगर अब वह लाखों लोगों के रोजगार का कारण बना।

आखिर हम इकोनाॅमी को कैसे ड्राइव कर सकते हैं यह तय होता है। यदि 8 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ रेट पा लेते हैं तो जो विश्व में हो सकता है तो हम भारत में वह विकास पा सकते हैं। सभी को इसके प्रयास करने होंगे। चाहे वह किसान हो या कोई और किसान को उत्पादक को यह विचार करना होगा कि वह किस तरह से अधिक उत्पादन करे। जो उत्पादक हैं उन्हें ग्लोबल मार्केट की ओर बढ़ना चाहिए। जब भारत में जापानी कंपनी कार बनाती है और उसे विश्व में निर्यात किया जाता है तो अर्थव्यवस्था बढ़ती है।

उन्होंने रक्षा क्षेत्र में निर्माण और निर्यात पर ध्यान देने की बात भी कही। इस क्षेत्र में एफडीआई लाने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर प्रत्येक व्यक्ति दूसरे को सलाह देता है मगर स्वयं पालन करने से बचता है। आखिर क्या कारण हैं कि देश के गांव में वैद्यराज होता था और पूरा गांव स्वस्थ्य रहता था।

आज आंख का डाॅक्टर, पैर का डाॅक्टर दिमाग का डाॅक्टर अलग है लेकिन बीमारी बढ़ रही है। इसका कारण है कि प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर बल दें। चिकित्सक की जरूरत न पड़े ऐसा ध्यान रखें। यदि पीने का शुद्ध पानी व्यक्ति तक पहुंचाऐं तो स्वास्थ्य जागरूकता में आसानी होगी। उन्होंने स्वच्छता अभियान की बात भाी कही।

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