नई दिल्ली: Pegasus जासूसी मामले को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित की जांच आयोग को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि जब सर्वोच्च न्यायालय खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है, तो ममता सरकार ने आयोग का गठन क्यों किया ?
दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने 27 जुलाई को अधिसूचना जारी करते हुए पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया. राज्य सरकार की इस जांच कमेटी में उच्च न्यायालय के दो रिटायर्ड जज भी शामिल हैं. ये कमेटी प. बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की तफ्तीश करेगी.
वहीं, इस मामले में NGO ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि जब सर्वोच्च न्यायालय खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो आयोग का गठन क्यों किया गया? याचिका में प. बंगाल सरकार के 27 जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कमीशन पर रोक लगाने का आदेश देने की गुहार भी लगाई गई है.
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