मुस्लिम धर्म के लोग इसलिए नहीं खाते सूअर का मांस
मुस्लिम धर्म के लोग इसलिए नहीं खाते सूअर का मांस
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मुस्लिम धर्म के लिए मांस खाते हैं ये बात आप जानते हैं. लेकिन सूअर का मांस नहीं खाते हैं, ये आप नहीं जानते होंगे. इसी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. आप जानते ही हैं, भारत में कई धर्मों के लोग रहते हैं जबकि यहां पे मांस मच्छी का सेवन बहुत किया जाता है,सबसे ज्यादा मुसलमान मांसाहारी खाना खाने के लिए जाने जाते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किस वजह से मुस्लिम लोग सूअर का मांस खाने से नफरत करते हैं. आइये जानते हैं ऐसा क्यों. 
  
दरअसल, कुरान धर्म में बताया गया कि मुस्लिम लोग क्यों सूअर का मांस नहीं खाते हैं. बताया गया कि सूअर सबसे गन्दा जानवर माना जाता हैं, जबकि नियमों का पालन करते हुए मुस्लिम लोग इसका मांस खाने से कतराते हैं. बात ये है कि सूअर हमेशा कीचड में पड़ा रहता है, इसके शरीर में कई हानिकारक बैक्टेरिया बैठे रहते हैं. शरीर पर स्वेट ग्लैंलड भी नहीं पाई जाती है जिस वजह से पसीना शरीर में ही इकठ्ठा हो जाता हैं, यह विषाक्त पदार्थ मांस में ही स्टोर रहता हैं. यानि ये खाने के लायक नहीं होता है और इसे पाक भी नहीं माना जाता. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, सूअर के मांस को पचाने के लिए भी तीन से चार घंटे का समय लगता है, सूअर के टोक्सिन आपकी बॉडी में पहुंच गए तो ये कई सारी बीमारी को जन्म दे सकते हैं, इससे हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है, लिवर की समस्या भी झेलनी पड़ती हैं. इसके अलावा बाइबल में सूअर के मांस को खाने की मनाही की गई है.  

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