श्रीलंका : श्रीलंका के संसद ने मंगलवार को कुछ महत्वपूर्ण संवैधानिक सुधारों को पारित कर दिया, जिसमें एक राष्ट्रपति की शक्तियों में कटौती से संबंधित है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विपक्षी यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाला, जिसे दो साल की बहस के बाद आखिरी रूप मिला है। 225 सदस्यीय संसद में 215 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला, जबकि एक ने विपक्ष में वोट किया।
एक सदस्य ने मतदान से दूरी बरती, जबकि सात अनुपस्थित रहे। संसद की कार्यवाही मंगलवार को अतिरिक्त समय तक चली, क्योंकि विपक्ष संवैधानिक सुधारों की कुछ शर्तो पर तैयार नहीं हो रहे था। यह संवैधानिक सुधार 19वें संशोधन के रूप में जाने जाते हैं।
सरकार हालांकि, बाद में विपक्ष की कुछ मांगों को मानने पर राजी हो गई, जिसको लेकर प्रधानमंत्री राणिल विक्रमसिंघे ने कहा कि यह प्रस्ताव पर संसद में बहुमत पाने के लिए जरूरी था।
संविधान संशोधन राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना को मिले जनादेश का हिस्सा है। सिरिसेना ने कहा कि वह भविष्य में राष्ट्रपति की शक्तियों में कटौती सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक थे और उन्होंने इससे संबंधित प्रस्ताव को पारित कराने का प्रयास किया।
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