संयुक्त राष्ट्र : भारत ने पेरिस जलवायु समझौते का समर्थन किया है। दरअसल भारत इस संधि के सभी प्रावधान मानने के लिए मंजूर हो गया है। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हस्ताक्षरित समझौते के अनुमोदन से जुड़े दस्तावेज करार विभाग के प्रमुख सैंटियागो विलालपांडो को सौंपे गए। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने जलवायु नेतृत्व की तारीफ की और कहा कि भारत ने इस पहल को कर इसे वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बना दिया है।
भारत द्वारा पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते का अनुमोदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून द्वारा कहा गया कि महात्मा गांधी ने दीर्घकालीन जीवन पर चर्चा की थी और उन्होंने अपने जीवन में पर्यावरण संतुलन पर भी बल दिया था। गौरतलब है कि महात्मा गांधी की पुस्तक हिंदस्वराज में इस बात का उल्लेख मिलता है कि वे पर्यावरण को सहेजकर जीने में यकीन रखते थे।
दूसरी ओर इस समझौते को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विट कर कहा कि भारत ने अपना वायदा कायम रखा। उनका कहना था कि भारत जलवायु न्याय के महत्व पर ध्यान देता है। इस समझौते के माध्यम से क्लायमेट चेंज की दिशा में अच्छा कार्य किया जा सकेगा। भारत और विश्व के कई देश ग्रीन हाउस उत्सर्जन पर गंभीर कार्य करेंगे और वर्ष 2020 के बाद ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन काफी कम हो जाएगा।