कई बच्चे बचपन से ही काफी क्यूट होते है तो कुछ बच्चे ऐसे भी होते है जो किसी बिमारी के साथ पैदा होते है. आपने ऐसे कई बच्चे देखे होंगे जो शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं रहते. कोई पोलियो का शिकार होता है तो कोई कुपोषण का शिकार होता है. हमारे समाज में कई तरफ के लोग रहते है. कुछ लोग ऐसे बच्चों को लेकर काफी संवेदनशील होते तो कुछ लोग दिव्यांग बच्चों को देख घृणा करते है. आज हम आपको एक ऐसे ही बच्चे की कहानी बताने जा रहे है जिसे जान आप इमोशनल हो जाएंगे.
'जोनों लैंकेस्टर' को उनके घर वालों उनके पैदा होने के 36 घंटे बाद ही उन्हें अनाथालय में ले जा कर पटक दिया था, इसके पीछे वजह थी उनकी खराब शक्ल. जोनों को 'ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम' नाम की एक बीमारी थी जिस वजह से उनकी शक्ल पैदाइशी खराब थी. कॉलिंस सिंड्रोम नाम की इस बिमारी की वजह से उनके चेहरे से जुड़ी 40 हड्डियों का विकास नहीं हो पाया था. इस कारण उनका चेहरा अपना सही आकार नहीं ले पाया. इतना ही नहीं इस बिमारी की वजह से उनके चेहरे पर आंखें, मुंह और नाक का भी सही से विकास नहीं हो पाया था.
विशेषज्ञ बताते है कि ये बीमारी बच्चों को मां के पेट से ही लग जाती है. कई दिन अनाथालय में बिताने के बाद जोनों को 'जीन लैंकेस्टर' नाम की एक महिला ने गोद ले लिया और उन्होंने जोनो का पालन पोषण किया.लेकि बड़े होने के साथ ही जोनों को कोगों के ताने भी सुनने पड़े. इस मामले पर बात करते हुए जोनों बताते है कि "मैं बहुत अकेला महसूस करता था इसलिए सबको टॉफिया बांट कर बात करने की कोशिश करता था फिर मैंने 19 साला की उम्र में एक बार में काम किया.
पहले तो वो बहुत घबराहट होती थी कि लोग मुझसे बात नहीं करेंगे लेकिन जैसे-जैसे लोग मुझसे बात करने लगे, वैसे-वैसे मै बेहतर महसूस करने लगा." आपको बता दें कि, जोनों अब अपने खुशहाल परिवार के साथ वेस्ट यॉर्कशायर में रह रहे है.