लकवाग्रस्‍त महिला डॉक्टर ने आँखों से लिखी किताब
लकवाग्रस्‍त महिला डॉक्टर ने आँखों से लिखी किताब
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बीजिंग: सर्जन रह चुकी दक्षिण-पश्‍िचमी चीन की 61 वर्षीय गोंग शुनहुई एमीयोट्रोफिक लेट्रल स्‍केलेरोसिस (एएसएल) बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी के कारण वो पूरी तरह लकवाग्रसित है और किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि जैसे लिखने, बोलने, चलने यहाँ तक की अपनी उंगलिया हिलाने से भी मोहताज हो गई है पर स्वेच्छा से अपनी पलके ज़रूर झपका सकती है. 

दैनिक दिन चरिया में अपने परिजनों के सवाल जैसे खाने, पीने, उठने, बैठने की इच्छा का वो सिर्फ अपनी पलके झपका कर जवाब देती है. इसी तरह परिवार वालो को पलके झपका कर अपनी किताब लिखने की मंशा भी गोंग समझाने में कामयाब हुई. परिवार वालो ने उनकी इस इच्छा का स्वागत किया और शब्द चयन में उनकी मदत की. एक दिन में 15 घंटे तक पलकें झपकाकर वह शब्‍दों का चयन करती थीं. एक-एक शब्‍द को चुनकर उन्‍होंने 1.5 लाख से अधिक अक्षरों में अपनी आटोबायोग्राफी पूरी की. 

परिवार ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में गोंग ने कभी भी अपना मनोबल टूटने नहीं दिया. गोंग रोजाना सुबह आठ बजे कंप्यूटर के सामने बैठ जाती थीं और सही शब्द आने पर अपनी पलके झपका देती. पूरे दिन में करीब हजारों बार पलकें झपकाकर 3000 शब्‍द लिखती थीं. यह सिलसिला करीब एक साल तक चला तब जा कर किताब पूरी हो पाई. 

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