मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पद पर रहे पण्डित रविशंकर शुक्ल जी को शत -शत नमन
मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पद पर रहे पण्डित रविशंकर शुक्ल जी को शत -शत नमन
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता तथा स्वतंत्रता सेनानी पण्डित रविशंकर शुक्ल जी को शत -शत नमन ,शुक्ल जी का जन्म सागर, मध्य प्रदेश में हुआ था.इन्होंने बहुत सी ख्यातियाँ प्राप्त की,1 नवम्बर,1956 को जब मध्यप्रदेश का गठन हुआ तब प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पद को प्राप्त करने वाले आप भी एक महान व्यक्ति थे.पद को धारण करने के बाद आपने मध्यप्रदेश में 1 नवम्बर, 1956 से 31 दिसम्बर, 1956 तक ही अपना विशेष योगदान दे पाए,इसके पहले भी आपने आम जनता के हित के लिए बहुत से विकास कार्य किये और लोगों की समस्याओं को समझा और निवारण किया आप  स्वतंत्रता सेनानी के नाम से भी जाने जाते थे.


बताया जाता है की रविशंकर शुक्ल ने चार वर्ष की आयु में सागर स्थित 'सुन्दरलाल पाठशाला' में दाखिला लिया. ब्रिटिश राज में यह पाठशाला सीपी में स्थित छ: पाठशालाओं में से एक थी.इस पाठशाला से आठ वर्ष की आयु में रविशंकर जी की प्राथमिक शिक्षा पूर्ण हुई. रविशंकर जी की माध्यमिक शिक्षा पूर्ण होने के बाद इनके पिता राजनांदगाँव चले गये और अपने भाई पंडित गजाधर शुक्ल के साथ 'बेंगाल नागपुर कॉटन मिल' में सहभागी हो गए.कुछ वर्ष मिल चलाने के बाद वे रायपुर चले गये. इस दौरान रविशंकर शुक्ल ने अपनी स्कुली शिक्षा रायपुए हाईस्कूल से पूर्ण की पंडित रविशंकर शुक्ल ने इंटर की परीक्षा जबलपुर के 'रॉबर्टसन कॉलेज' से उत्तर्णि की और फिर स्नातक की पढ़ाई नागपुर के 'हिसलोप कॉलेज' से पूर्ण की ,पंडित रविशंकर शुक्ल ने इंटर की परीक्षा जबलपुर के 'रॉबर्टसन कॉलेज' से उत्तर्णि की और फिर स्नातक की पढ़ाई नागपुर के 'हिसलोप कॉलेज' से पूर्ण की,

 नागपुर में पढ़ते हुए शुक्ल जी 'राष्ट्रीय आंदोलन' के निकट आये वर्ष 1898 में संपन्न हुए कांग्रेस के 13वें अधिवेशन में भाग लेने आप अपने अध्यापक के साथ अमरावती गये थे नागपुर से ही इन्होंने एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की ,शिक्षा पूर्ण करने के बाद रविशंकर शुक्ल सरायपाली आ गये और सूखा राहत कार्य का निरीक्षण कार्य करने लगे.इनकी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के लिये शुक्ल जी को पदोन्नत कर नायाब तहसीलदार बना दिया गया.सन 1901 में इन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ कर जबलपुर के 'हितकारिणी स्कूल' में अध्यापन कार्य शुरु किया

मुख्यमंत्री के पद पर रहे शुक्ल जी 

पंडित रविशंकर शुक्ल ने 1906 से रायपुर में वकालत प्रारंभ की वे स्वतंत्रता आन्दोलनों में भी भाग लेते रहे सन 1926 से 1937 तक आप 'रायपुर ज़िला बोर्ड' के सदस्य रहे.1936 में प्रांतीय धारा सभा के चुनाव में शुक्ल जी विजयी हुए और डॉ. खरे द्वारा त्यागपत्र देने के बाद अगस्त, 1938 से 10 नवम्बर, 1939 तक मुख्यमंत्री रहे.सन 1952 में प्रथम आम चुनावों के बाद आप पुन: मुख्यमंत्री बने, रविशंकर शुक्ल जी राज्य पुर्नगठन के पश्चात् गठित नए मध्य प्रदेश के सर्वसम्मति से प्रथम मुख्यमंत्री बनाए गए,इन्होंने मध्यप्रदेश राज्य के लिए बहुत से विकास कार्य किये, 


पण्डित रविशंकर शुक्ल जी ने इस जगत से ली बिदाई -  31 दिसम्बर, 1956 को दिल्ली में हुआ.शुक्ल जी की स्मृति में विधान सभा सचिवालय द्वारा वर्ष 1995-1996 से उत्कृष्ट मंत्री पुरस्कार स्थापित किया गया है.

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