शास्त्रीय संगीत के उपासक पंडित जसराज
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भारतीय शास्त्रीय संगीत के विश्वविख्यात गायक, पण्डित जसराज छह दशकों से भी ज़्यादा समय से देश को एक विभूति बन कर गौरान्वित कर रहे है.  4 पीढ़ियों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को एक से बढ़कर एक कलाकार देने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंडित जसराज को संगीत की प्राथमिक शिक्षा अपने पिता से ही मिली. जब वे मात्र 3 वर्ष के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया. 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने प्रण किया की शास्त्रीय गायन में विशारद प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक अपने बाल नहीं कटवाएँगे.

मेवाती घराने के दिग्गज महाराणा जयवंत सिंह वाघेला से तथा आगरा के स्वामि वल्लभदास जी से संगीत विशारद प्राप्त किया. दिग्गज शास्त्रीय गायक पंडित जसराज ने अनूठी उपलब्धि हासिल की है. 82 वर्षीय शास्त्रीय गायक ने हाल में अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी प्रस्तुति दी. वह सातों महाद्वीपों में कार्यक्रम पेश करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.

पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज ने पहली बार सन 2008 में रिलीज़ किसी हिंदी फ़िल्म के एक गीत को अपनी आवाज दी. विक्रम भट्ट निर्देशित फ़िल्म ‘1920’ के लिए उन्होंने अपनी जादुई आवाज में एक गाना गाया है. पंडित जसराज कहते है मेरी शुरुआत तबले से हुई थी. संगीत को अपनी दुनिया बनाने वाले महान पंडित जसराज क्रिकेट में रुचि रखते है. 

 

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