इस्लामाबाद : बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली मलाला यूसुफजई पर 2012 में हमला हुआ था। उस हमले के मामले में पाकिस्तान में एक आतंकवाद रोधी अदालत (ATC) ने गुरुवार को 10 व्यक्तियों को दोषी करार देते हुए 25 साल कैद की सजा सुनाई है। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में स्थित एटीसी ने मलाला पर हमला करने वाले 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलाला बच्चों की शिक्षा के लिए अभियान चला रही थी।
खबर मिली है की सजा दिए जाने वालों की पहचान बिलाल, शौकत, सलमान, जफर इकबाल, इसरारउल्लाह, जफर, अली, इरफान, इजहार, अदनान और इकराम के रूप में हुई है, पाकिस्तानी सेना ने सितंबर 2014 में दावा किया था कि मलाला यूसुफजई पर हमले में शामिल 10 तालिबान आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही बताया कि उन पर आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत मुकदमा चलेगा।
आपको बता दे कि मलाला पर हमला करने वाले हमलावरों में से एक इसरारउल्लाह को सबसे पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। इसरारउल्लाह द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही अन्य हमलावरों को गिरफ्तार किया गया था, मलाला पर जब तहरीक-ए-तालिबान के बंदूकधारियों ने हमला किया था उस दौरान वह 14 साल की थी और स्कूल बस में सवार होकर जा रही थी। पिछले साल ही भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ मलाला यूसुफजई को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, हमले के बाद मलाला को एयरएंबुलेंस द्वारा इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया था, जहां पर उपचार के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गईं।
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