मात्र एक-एक शिक्षत के भरोसे 82 विद्यालय, अन्धकार में बच्चों का भविष्य
मात्र एक-एक शिक्षत के भरोसे 82 विद्यालय, अन्धकार में बच्चों का भविष्य
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित उत्तर बस्तर जिले के पंखाजूर क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल संचालित हैं, जहां शिक्षा व्यवस्था हैरान करने वाली है. यहां कि शिक्षा व्यवस्था पर निगाह डाली जाए तो विकास खंड कोयलीबेड़ा के कुल 82 सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जहां पढ़ने वाले कक्षा पहली से पांचवी तक के हजारों बच्चे आज भी एक-एक zक्षक के भरोसे बैठे हुए हैं और उन्हीं से पढ़ाई करने को विवश हैं. 

इस क्षेत्र में ऐसा एक स्कूल नहीं बल्कि विकासखंड कोयलीबेड़ा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 82 स्कूल ऐसे हैं जहां की पढ़ाई केवल एक शिक्षक के भरोसे है. यह राज्य के बच्चों का दुर्भाग्य है कि एक-एक शिक्षक के भरोसे कई शासकीय स्कूल चल रहे हैं. प्राथमिक शाला जहां छात्र की भविष्य की बुनियाद रखी जाती है वहां पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक ही शिक्षक एक वक़्त में पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को एक साथ कैसे पढ़ा सकता है. ऐसे में यह स्थिति राज्य की शिक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर करने के लिए काफी है.

विकास खण्ड कोयलीबेड़ा में 82 प्राथमिक सरकारी शालाएं ऐसी है जहां मात्र एक एक शिक्षक की नियुक्ति है और वही एक शिक्षक ही कक्षा पहली से लेकर पांचवी यानी पांच कक्षाओं की छात्र छात्राओं को शिक्षा देते हैं. इसके अतिरिक्त स्कूल के अन्य कामों को भी यही शिक्षक संभालते हैं. इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां पर एक से ज्यादा शिक्षक ही नहीं है तो एक ही कमरे में कक्षा पहली से पांचवीं तक बच्चों को इकठ्ठा बैठा कर कैसे पढ़ाया जाता होगा. मतलब कक्षा पहली के लिए जो ज्ञान वही ज्ञान कक्षा पांचवीं के छात्रों के लिए भी दिया जाता है.

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