राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के पहले काले धन का मसला जोर - शोर से उठाया गया। भाजपा ने इस मसले को बखूबी भुनाया और कहा कि विदेश में जमा काले धन को सरकार देश में लेकर आएगी। सरकार काले धन के मसले पर इस तरह का धन विदेश में जाने से बचाएगी। काला धन को जमा करने वालों के नाम उजागर करने की बात कही गई। जिसके बाद काले धन के मसले पर प्रारंभिक कार्रवाई की गई और कुछ नाम भी सामने आए।
लेकिन फिर यह मसला ठंडा पड़ गया। अब विपक्ष इसे फिर से उठा रही है। पहले जहां मानसून सत्र में संसद की कार्रवाई को प्रभावित किया गया वहीं अब इस मामले में लाए जाने वाले विधेयक का विरोध किया जा रहा है। सरकार काले धन को लेकर नए विधयेक की बीन बजाकर कालेधन के सांप को पिटारे में डालने की तैयारी कर रही है। जबकि विरोधियों द्वारा कहा जा रहा है कि इस मामले में लाया जाने वाला विधेयक काले धन को रोकपाने में पूरी तरह कारगर नहीं है।