मुंबई: केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) कोरोना नियमों (Corona Guidelines) को लेकर आमने-सामने दिखाई दे रही है। जी दरअसल हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष ने यह कह दिया है कि राज्य अपनी गाइडलाइंस में बदलाव नहीं करेगा। जी दरअसल महाराष्ट्र के अधिकारियों ने साफ़-साफ़ यह कह दिया है कि 'अभी राज्य सरकार द्वारा जारी किए नियमों में बदलाव नहीं किया जाएगा। अगर आगे इसकी जरुरत पड़ती है तो ये बदलाव किए जा सकते हैं।' वहीं दूसरी तरफ चक्रवर्ती का कहना है, 'आपदा प्रबंधन (Disaster Management) और महामारी एक्ट (Epidemic Act) के तहत राज्य सरकार को ये ताकत हासिल है।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त नियम लागू कर सकती है।' आप सभी को बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष का कहना है, 'इस वजह से राज्य ने अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर्स को लेकर अपनी गाइडलाइंस में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। इसे लेकर कोई बाध्य नहीं है।'
आपको हम यह भी बट बता दें कि इससे पहले कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट पर चिंताओं के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के क्वारंटीन पर संशोधित दिशा-निर्देश के बाद केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकार से कहा था, 'केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी के अनुसार आदेश जारी करें।' वहीं दूसरी तरफ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से बीते मंगलवार रात जारी दिशा-निर्देशों के तहत राज्य सरकार ने खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए सात दिनों तक संस्थागत क्वारंटीन अनिवार्य बनाया गया है।
ठीक ऐसे ही यात्रियों को पहुंचने के दूसरे, चौथे और सातवें दिन आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। ऐसे में अगर कोरोना से संक्रमित पाए जाते हैं, तो यात्री को अस्पताल भेज दिया जाएगा। वहीं अगर यात्री निगेटिव पाया जाता है फिर भी उसे सात दिनों तक घर में क्वारंटीन में रहना होगा।
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