नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज मंगलवार (12 दिसंबर) को नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला की अपनी अलग पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की मांग वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी याचिका में कोई योग्यता नहीं है। जस्टिस संजीव सचदेवा और विकास महाजन के पैनल ने अब्दुल्ला को तलाक देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। बता दें कि, उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल नाथ हिन्दू समुदाय से आती हैं और उनका विवाह 1 सितंबर 1994 को हुआ था।
उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के 2016 के फैसले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की अपील को खारिज करते हुए कहा कि मामले में कोई योग्यता नहीं है। अब्दुल्ला ने अपने प्रति क्रूरता का हवाला देते हुए अपनी अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक मांगा था। अदालत ने पारिवारिक अदालत के दृष्टिकोण में कोई दोष नहीं पाया कि क्रूरता के आरोप अस्पष्ट और अप्रमाणित थे।
फैसले में इस बात पर जोर दिया गया कि अब्दुल्ला शारीरिक या मानसिक किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहा, जिसे क्रूरता माना जा सकता है। 2016 में, ट्रायल कोर्ट ने अब्दुल्ला की तलाक याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह "क्रूरता" या "परित्याग" के अपने दावों को स्थापित नहीं कर सका, जो आधार उसने तलाक के आदेश के लिए उद्धृत किया था।