Nov 23 2015 07:50 PM
भुवनेश्वर: असहिष्णुता के मुद्दे पर उड़ीसा के लेखक जयंत महापात्रा ने रविवार को अपना पद्दम श्री लौटा कर ठहरे हुए पानी में कंकड़ मारने का काम किया है। जयंत अंग्रेजी भाषा में कविता लिखते है। उनका कहना है कि नैतिक भेदभाव और असमानता देश में बढ़ गई है। उड़ीसा में साहित्यकारों की श्रेणी में उनका उच्च स्थान है।
साहित्यकारों के अवॉर्ड लोटाने की प्रक्रिया में जयंत चौथे ऐसे लेखक है जिन्होने पद्दम श्री लौटाया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को लिखे अपने पत्र में जयंत ने कहा कि अवॉर्ड लौटाना बहुत ही छोटा कदम है। लेकिन यह देश में बढ़ रही अनैतिकता के प्रति विरोध जताने का तरीका है। इसे देश के प्रति असम्मान प्रकट करना न समझें।
जयंत ने कहा कि यह एक निजी फैसला है, जो बहुत सोच-विचार कर लिया गया है। कुछ हादसों ने मुझे तकलीफ दि है। जयंत से पहले दिलीप कौर तिवाना, देवानुरु महादेव, वैज्ञानिक पी एम भार्गव ने भी अपना पद्दम श्री लौटाया था। जयंत को 2009 में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया था। 1981 में वे अकेले ऐसे अंग्रेजी कवि थे, जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था।
हिंदी न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml
इंग्लिश न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml
फोटो - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml
© 2024 News Track Live - ALL RIGHTS RESERVED