पाकिस्तान न तो अपनी ’नापाक’ इरादों से कभी बाज आया था और न ही वह भविष्य में सुधरना चाहता है। भारतीय सीमाओं को गोलियों से छलनी करना, सीज फायर का उल्लंघन करना उसकी आदतों में शुरूआत से ही शुमार रहा है वहीं उल्टे चोर कोतवाल को डांटे वाली तर्ज पर भी वह चलता है। जिस आतंकवाद के सहारे वह भारत को डराना धमकाना चाहता है या फिर कश्मीर को हथियाने का नापाक प्रयास कर रहा है उसमें तो वह सफल होने से रहा क्योकि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा। हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले भारतीय सेना कश्मीर की वादियों को पाकिस्तान के हाथों में कदापि जाने नहीं देंगी।
लेकिन आतंकवाद का सहारा लेने वाला और आतंकियों को आश्रय देने वाला पाकिस्तान उल्टे भारत को ही आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात सार्वजनिक रूप से करने से चूकता नहीं है, यानी कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे...।
ऐसा नहीं है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में मिठास घोलने के लिये प्रयास नहीं किये लेकिन हर बार पाकिस्तान ने भारत के रिश्तों को ठुकरा दिया। चाहे ईद के मौके पर पाकिस्तानी फौज द्वारा भारतीय सेना द्वारा भेजे गये मिठाई के डिब्बों को वापस लौटाने का मामला हो या फिर चाहे कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने का मामला ही क्यों न हो, हर जगह पाकिस्तान ’अपनी वाली’ बताने पर अड़ा रहता है।
एक बात साफ करना उचित होगा कि भले ही भारत कश्मीर मुद्दे को सुलझाना चाहता है परंतु सीधे बातचीत के जरिये, भारत की वर्तमान सरकार को हुर्रियतों को दखलअंदाजी बिल्कुल पसंद नहीं, लिहाजा पिछले दिनों होने वाली सचिव स्तरीय वार्ता को रद्द करने का हिम्मतवार कदम भारत ने उठाया।
अब यह बात दीगर है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ कार्यक्रम में अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी आमंत्रित किया था और वे निमंत्रण को स्वीकार भारत आये भी। इसके पीछे उद्देश्य केवल यही होगा कि दोनों देशों के बीच की दूरियां कम हो परंतु कहते है न कि कुत्ते की पूंछ टेड़ी की टेड़ी ही रहती है फिर चाहे इसे सीधे करने के लिये कितना ही प्रयास कर लिया जाये, बस यही मनोस्थिति पाकिस्तान की है।
लेकिन जब भारत माता की अस्मिता और देश की सुरक्षा का प्रश्न सामने खड़ा हो जाता है तो फिर देश के आत्मसम्मान की रक्षा करना देश के कर्णधारों की जिम्मेदारी हो जाती है। राजनीति को दरकिनार कर देश हित में बात करना होती है और यही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के काठमांडू में आयोजित होने वाले सार्क सम्मेलन में दिखाया। मोदी ने यह समझा दिया कि मैं देश को झुकने नहीं दूंगा.....। मंच पर दोनों प्रधानमंत्री बैठे तो सही परंतु मोदी ने नवाज की ओर देखा तक नहीं, हाथ मिलाने की बात तो दूर रही। इससे यह साबित होता है कि देश प्रेम का जज्बा हमारे प्रधानमंत्री के दिल में कूट-कूटकर भरा हुआ है और वे किसी के नापाक इरादों के सामने झुकने के लिये तैयार नहीं है।
उनकी ताकत ही देशवासियों विशेषकर भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ाने का कार्य करती है। कहा जाता है कि जब राजा शक्तिशाली हो तो उसकी सेना भी शक्तिशाली रहती है लेकिन जब राजा कमजोर सिद्ध हो तो युद्ध के मैदान में सेना को कदम पीछे हटाना पड़ जाता है। नरेन्द्र मोदी ने निश्चित ही अपने तेवर दिखाये और अपने दिल की आग को सार्क सम्मेलन के मंच पर निगाहें न मिलाकर बयां किया। लगता है यह तो पाकिस्तान की करतूतों के जवाब की एक बानगी है क्योंकि दिल की आग ठंडी नहीं हुई है और न आगे होगी। इस संदंर्भ में यह रचना प्रासंगिक सिद्ध होती है कि....
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/LetsTalkAboutTrolls?src=hash">#LetsTalkAboutTrolls</a> <br>Name : Ankit Lal<br>Famous For : AAP IT cell head<br>Trolling Style : Abuse Rakhi Sawant for supporting BJP <a href="https://t.co/xJFotc1fZC">pic.twitter.com/xJFotc1fZC</a></p>— Ishant Sharma (@CrimeMasterV2) <a href="https://twitter.com/CrimeMasterV2/status/854242458779107328">April 18, 2017</a></blockquote>
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