‘सिर्फ ट्विटर नहीं...बल्कि तेजी से टूट रहा इंटरनेट, जानिए क्यों?
‘सिर्फ ट्विटर नहीं...बल्कि तेजी से टूट रहा इंटरनेट, जानिए क्यों?
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बीते माह एलन मस्क की ओर से ट्विटर के अधिग्रहण के उपरांत विश्वभर में इसकी चर्चा भी होने लगी है। वजह थी मस्क की ओर से ट्विटर को लेकर किए गए तमाम परिवर्तन देखने के लिए मिले है। हालांकि इस अधिग्रहण को लेकर 'ते हेरेंगा वाका - विक्टोरिया यूनिवर्सिटी वेलिंगटन' के असोसिएट प्रोफेसर मार्कस लुकजेक-रोएश ने जो बातें कही हैं वो दूसरे पहलु पर भी ध्यान देने को मजबूर करती हैं। मार्कस ने कहा है कि मौजूदा वक़्त में सिर्फ ट्विटर नहीं, पूरा इंटरनेट टूट गया है, बेहतर होगा कि हम इसे जल्द ठीक कर लें। वह कहते हैं कि ट्विटर के अधिग्रहण ने ये कहा है कि न आम लोग और न ही सरकार में शामिल लोग इस बात को समझते हैं कि वर्ल्ड वाइड वेब कैसे कार्य कर रहा है।

क्या कहा प्रोफेसर ने: उन्होंने इस बारें में बोला है कि हम जानते हैं कि सामग्री के बारे में राय देने के लिए ट्विटर जिस एल्गोरिदम का उपयोग करता है, वह लोगों को अधिक चरम विचार विकसित करने के लिए मार्गदर्शन कर सकती हैं, लेकिन मस्क के अधिग्रहण के उपरांत से चरम के मायने चेंज हो चुके है। ऐसी बहुत सी बातें जिन्हें वह बोलने की आज़ादी मानते हैं, उन्हें पहले अपमानजनक, महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण, हिंसक या कई अन्य तरीकों से हानिकारक कहा जा रहा है।

अधिक पारदर्शिता की है जरूरत: बता दें कि क्राइस्टचर्च कॉल के सह-प्रारंभकर्ता के रूप में एओटियरोआ न्यूजीलैंड समेत कई देश अपने एल्गोरिदम के विश्लेषण और व्यक्तियों और सामाजिक ताने-बाने पर उनके प्रभावों के बारे में अधिक पारदर्शिता की अनुमति देने के लिए ट्विटर और अन्य प्लेटफ़ॉर्म प्रदाताओं की ओर भी ध्यान कर रहे है। लेकिन क्राइस्टचर्च कॉल जिस बात को संबोधित नहीं करता है वह एक बहुत अधिक मौलिक प्रश्न है जिस पर सरकारों को तत्काल विचार करना जरुरी है। क्या यह उचित है कि लोगों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी रखने वाला बुनियादी ढांचा बहुराष्ट्रीय डेटा एकाधिकार के निजी और लाभ वाले हाथों में है?

यूजर का डेटा इकट्ठा करना सही नहीं: निजी स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सार्वजनिक बहसों में एक महत्वपूर्ण भाग भी रख रहे है। वे आधुनिक सार्वजनिक इलाके के लिए महत्वपूर्ण बन चुका है, और इसलिए उन्हें सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण भाग कहा जा रहा है। लेकिन उन्हें लोगों का डेटा इकट्ठा करने और उससे कमाई करने के लिए बनाया गया है। ऐसे में सरकारों को चाहिए कि वे अपने नागरिकों को उस डेटा का नियंत्रण वापस लेने में सहायता  करें।

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