नई दिल्ली। देश में बिजली की समस्या अब भी कई इलाको में जस की तस है। आजादी के 70 वर्ष बाद भी देश के चार करोड़ से ज्यादा परिवार बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित होकर अंधेरे में रहने को मजबूर हैं और इनमें से एक चैथाई से अधिक अकेले उत्तर प्रदेश में हैं। प्रधानमंत्री की 'सौभाग्य योजना' के बाद भी कई घरो में अंधेरा छाया हुआ है। बिजली मंत्रालय की ओर से दी गई ताजा जानकारी के अनुसार सात दिसंबर 2017 तक चार करोड़ पांच लाख 74 हजार 727 घरों तक बिजली नहीं पहुंची है।
इनमें से एक करोड़ 45 लाख 80 हजार 929 परिवार उत्तर प्रदेश में है। पंजाब ,तमिलनाडु और गोवा के शत -प्रतिशत घर रोशन हो चुके हैं जबकि आंध्र प्रदेश के 12, केरल के103, गुजरात के 238 और पुडुचेरी के मात्र 375 ऐसे घर बच गए हैं जहां बिजली पहुंचानी बाकी है। असम, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में बिना बिजली के परिवारों की तादाद लाखों में हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 63 लाख 86 हजार 207 घर बिहार में और उसके बाद 44 लाख 56 हजार 106 मध्य प्रदेश में तथा 32 लाख 08 हजार 536 ओडिशा में, 30 लाख 19हजार 743 झारखंड में, 20 लाख दो हजार 744 असम में और 19 लाख 50 हजार 545 राजस्थान के घरो में बिजली नहीं पहुंची है। पर्वतीय राज्यों में सबसे खराब स्थिति जम्मू-कश्मीर की है जहां के दो लाख 70 हजार 859 घर बिजली से महरूम हैं।
उत्तराखंड के एक लाख 85 हजार 34 और हिमाचल प्रदेश के 12 हजार 723 घरों तक यह सुविधा नहीं पहुंची है। पूर्वोत्तर के मेघालय, मणिपुर और नगालैंड में बिना बिजली वाले परिवारों की तादाद एक लाख से ऊपर है तथा बाकी में यह संख्या हजारों में है।
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