10 फिट से अधिक ऊँची मूर्ति नहीं, पटाखों पर प्रतिबंध..! गणेश चतुर्थी पर चेन्नई पुलिस के 11 फरमान
10 फिट से अधिक ऊँची मूर्ति नहीं, पटाखों पर प्रतिबंध..! गणेश चतुर्थी पर चेन्नई पुलिस के 11 फरमान
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चेन्नई: तमिलनाडु में शुरू हुई सनातन धर्म को लेकर विवादित बयानबाज़ी ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। राज्य की सत्ताधारी DMK के नेता और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताए जाने और उसे पूरी तरह ख़त्म करने की बात कहने के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A. बैकफुट पर है और उस पर हिन्दुओं की आस्था का अपमान करने के आरोप लग रहे हैं। चूँकि, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन किया है, इसलिए देश की सबसे पुरानी पार्टी पर भी उंगलियां उठ रहीं हैं। 

 

इसी बीच ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने वार्षिक विनयगर (भगवान गणेश) चतुर्थी उत्सव की पूर्व संध्या पर श्रद्धालुओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसको लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। कई लोगों ने विनयगर चतुर्थी उत्सव के लिए पुलिस द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के 11 सेटों को बेहद कठोर माना है। उनका तर्क है कि, इन बंदिशों के चलते हिंदुओं के लिए त्योहार में भाग लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कुछ आयोजकों का कहना है कि विनयगर पंडालों की स्थापना प्रक्रिया अत्यधिक नौकरशाही, बोझिल और टैक्स लगाने वाली हो गई है। जिससे संभावित रूप से उनके निर्माण में देरी या बाधाएं आ सकती हैं।

मूर्तियों की स्थापना के संबंध में पुलिस द्वारा जारी किए गए कुछ निर्देश नीचे दिए गए हैं:-

1. जहां विनयगर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं, वहां के भूमि मालिकों को संबंधित स्थानीय निकायों, राजमार्ग विभाग या सरकारी विभाग से अनुमति लेनी होगी।

2. अग्निशमन विभाग, बिजली बोर्ड आदि से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त होना चाहिए।

3. विनयगर मूर्तियों की स्थापना के लिए फॉर्म भरकर, उसमें उल्लिखित प्रतिबंधों और शर्तों का पालन करने का वचन देकर संबंधित पुलिस स्टेशन अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।

4. स्थापित की जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई चबूतरे के आधार से 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

5. पूजा स्थलों, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के पास प्रतिमाओं की स्थापना से बचना चाहिए।

6. मूर्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे के रोटेशन पर दो स्वयंसेवकों को तैनात किया जाना चाहिए।

7. पूजा स्थल पर किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक नेताओं के समर्थन में बैनर/होर्डिंग नहीं होने चाहिए।

8. अग्नि सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन किया जाना चाहिए, और दुर्घटनाओं और हादसों से बचने के लिए बिजली के तार कनेक्शन और पंडालों की समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए।

9. अग्नि सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन किया जाना चाहिए, विद्युत तार कनेक्शन; दुर्घटनाओं और हादसों से बचने के लिए पंडालों की समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए।

10. विनयगर मूर्तियों के विसर्जन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति दिए गए दिनों में, मूर्तियों को अनुमति प्राप्त चार पहिया वाहनों में केवल अनुमत मार्गों पर ले जाया जाना चाहिए और शांतिपूर्वक विसर्जित किया जाना चाहिए।

11. विनयगर की मूर्तियां स्थापित होने वाले स्थानों, जुलूस मार्गों और विसर्जन बिंदुओं पर पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं है।

इसके साथ ही, ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने कहा है कि "धार्मिक घृणा" भड़काने वाले या "अन्य धर्मों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले" नारे लगाना प्रतिबंधित है। यह नियम थोड़ा अस्पष्ट लगता है, और कुछ श्रद्धालु सोचते हैं कि यह उन लोगों पर नकेल कसने का एक तरीका हो सकता है, जो किसी विशिष्ट आस्था में विश्वास करते हैं। हालाँकि, यह सच भी है क्योंकि आजकल, राजनीतिक माहौल तीव्र भावनाओं से भरा हुआ है, और यहां तक कि "जय श्री राम" कहने से भी विभिन्न धर्मों के कुछ लोग परेशान हो सकते हैं। तो इसका क्या ही किया जाए, मौन रहकर त्यौहार मनाया जाए ?   

इसके अलावा, जुलूस के दौरान जब वे विनयगर की मूर्तियों को पानी में विसर्जित करते हैं, तो पटाखों के उपयोग करने के खिलाफ भी एक नियम है। यह अच्छी बात है कि ग्रेटर चेन्नई पुलिस त्योहारों के दौरान चीजों को सुरक्षित रखना चाहती है, लेकिन इस नियम ने कुछ लोगों को हैरान भी कर दिया है, उनका सवाल है कि, पुलिस ने चेन्नई में हाल ही में हुए एआर रहमान के संगीत कार्यक्रम के लिए ऐसा क्यों नहीं किया ? जहाँ जमकर फटाके फूटे थे बता दें कि, वह कॉन्सर्ट एक बड़ी गड़बड़ी बन गया था, जिसमें बहुत सारे लोग थे, अराजकता थी, और यहां तक कि कुछ बुरी चीजें भी हुईं, जैसे लोगों को चोट लगना और ट्रैफिक जाम होना। कई लोगों का कहना था कि, यह कॉन्सर्ट यह सचमुच एक बुरे सपने जैसा था।

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