नई दिल्ली : नवगठित केंद्रीय सलाहकार शिक्षा बोर्ड (कैब) 2010 में लागू 8वीं तक छात्रों को फेल न करने की नीति को वापस लेने का समर्थन किया है. उनका मानना है कि इस नीति से शिक्षण के नतीजों पर विपरीत प्रभाव पड़े हैं. वहीँ कैब की बैठक में 10वीं बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था को पुन: बहाल करने का समर्थन किया. बुधवार को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने की. इसमें 19 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और 26 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
ईरानी ने कहा कि ‘हमने राज्यों से 15 दिन में उनकी इस मामले पर लिखित राय मांगी है. उन्ही के आधार पर ही कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'सभी राज्य इस पर एकमत थे कि फेल नहीं करने से बच्चों में सीखने और पढ़ने-लिखने की प्रवृत्ति घट रही है और इसके विपरीत प्रभाव देखने को मिले हैं.’ केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस नीति को खत्म करने की सिफारिश की थी. बैठक में करीब ढाई साल के बाद कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई.
क्रियान्वित में लगेगा समय
यदि यह फैसला लागू हो जाता है तो इसे पूरी तरह क्रियान्वित में लाने में भी काफी समय लगेगा, क्योंकि ऐसा होने पर संसद को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन करना होगा.