शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा ऐसा कि जानकर हो जाओगे हैरान
शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा ऐसा कि जानकर हो जाओगे हैरान
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नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर चर्चा का जवाब देते हुए ऐसी बात कही, जिसे जानकर कोई भी हैरान रह जायेगा. नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बिहार में शराबबंदी करने का मतलब बि‍ढ़नी के छत्ते में हाथ डालना है और इसमें कुछ भी हो सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मसले पर वो अडिग हैं और किसी भी हाल में बिहार को नशामुक्त राज्य बनाकर ही दम लेंगे.

बता दे कि नीतीश कुमार को शराब माफिया की मजबूत लॉबी से कड़ी टक्कर मिल रही है. उन्होंने कहा कि नए संशोधित कानून में कुछ और बातें जोड़ी गई हैं, ताकि इस कानून को सख्त बनाया जा सके और शराब की तस्करी पर नकेल कासी जा सके. उन्होंने अपने इस मुहीम को समाज सुधार की तरफ बढ़ता कदम बताया. वही चर्चा की शुरुआत में सीएम नीतीश को विपक्षी दल बीजेपी के हमलो का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने इसे काला कानून और तुगलगी फरमान करार दिया और इस कानून के खिलाफ राज्यपाल से मिलने भी गए.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि वो शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि शराब की वजह से उनकी बेटी विधवा हो गई. लेकिन जिस तरीके से नीतीश कुमार शराब पर पाबंदी लगा रहें है, इसका सबसे ज्यादा असर गरीब तबके पर पड़ेगा, पुलिस जिसको चाहेगी उसे अंदर कर देगी. नंदकिशोर यादव ने कानून के उस धारा की चर्चा की, जिसमें घर में शराब मिलने पर घर के 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी सदस्य जेल जाएंगे और उनकी संपत्ति जब्त होगी. नंदकिशोर यादव ने आशंका जताई कि ऐसे कानून से लोग एक दूसरे को फंसा सकते हैं. पुलिस किसी को भी फंसा सकती है और इंस्पेक्टर राज कायम हो जाएगा. परिवार का मुखिया जेल चला जाएगा, तो उसका भरण-पोषण कौन करेगा. ये जंगल का कानून है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकार अन्याय कर रही है, खासकर उन तबकों का जो सदियों से इसका सेवन करते आ रहे हैं.

वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के सभी सवालों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया और कहा कि शराबबंदी के चार महीने में मिले तथ्यों के आधार पर यह कानून बनाया गया है. उन्होंने कहा कि गलत खबर देकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है. इस कानून में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे आम लोगों को परेशानी होगी. जहां तक घर में मिले शराब पर कानून को सख्त बनाने के पीछे वजह है कि घर का कोई सदस्य ये स्वीकार नहीं करता कि शराब कौन लाया है. ऐसे में नशा मुक्ति को बढ़ावा देने के लिए इसे सख्त किया गया है.

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