निकाह हलाला का काला सच: हलाला के नाम पर ससुर ने ही किया बलात्कार
निकाह हलाला का काला सच: हलाला के नाम पर ससुर ने ही किया बलात्कार
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लखनऊ:  निकाह हलाला और तीन तलाक़ पर देश भर में चल रही बहस के बीच एक और मुस्लिम महिला ने इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज़ बुलंद की है. महिला ने आरोप लगाया है कि उसे जबरदस्ती 'निकला हलाला' में धकेला गया और बलपूर्वक उसके ससुर से विवाह करवाया. महिला ने ये भी कहा कि उसके ससुर ने हलाला के नाम पर उसके साथ बलात्कार किया है. पुलिस ने महिला कि शिकायत पर उसके पति समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके पति और ससुर के अलावा, अन्य लोगों में उनके पति के चाचा और दो 'अज्ञात' मौलवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 

बरेली जोन अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक प्रेम प्रकाश ने कहा कि मोरादाबाद जिले के निवासी महिला ने 7 दिसंबर, 2014 को नखसा पुलिस स्टेशन के तहत तुर्टिपुरा के निवासी से विवाह किया था, जिसके बाद महिला ने आरोप लगाया कि उसे 25 दिसंबर, 2015 को अपने ससुराल वालों के घर से निकाल दिया गया था. घर से निकालने और प्रताड़ित करने के लिए महिला ने ससुरालवालों के खिलाफ FIR दर्ज कराइ थी, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया था, और ससुराल वाले महिला को घर ले गए थे. लेकिन इसके बाद वर्तमान में महिला ने आरोप लगाया है कि उसे कहा गया कि वो घर से बाहर थी, इसलिए पति-पत्नी में तलाक़ हो गया था, यह दलील देकर उसे निकाह हलाला में धकेल दिया गया था. बाद में, वह अपने ससुर के साथ एक कमरे में बंद कर दी गई जिसने उसके साथ बलात्कार किया. सुबह, उसे अपने ससुर द्वारा तलाक दिया गया जिसके बाद उसके पति ने उसके साथ बलात्कार किया, और वह गर्भवती हो गई. 

इसके बाद वह अपने मायके लौटी और 6 अक्टूबर, 2017 को एक लड़के को जन्म दिया. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसने जिला मजिस्ट्रेट के सामने इस संबंध में एक आवेदन जमा किया था, जिसके बाद उसे और उसके परिवार को अपने पति और कुछ मौलवियों से मौत की धमकी मिल रही थी. एडीजीपी ने कहा, "महिला के पति, ससुर, चाचा और दो अज्ञात मौलवियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है." पुलिस ने बताया है कि 1 सितम्बर को मामला दर्ज किया गया है, फ़िलहाल मामले की जांच चल रही है. 

क्या है निकाह हलाला ?
आपको बता दें कि इस्लामी कानून शरिया के मुताबिक 'निकला हलाला' के तहत, एक आदमी अपनी पूर्व पत्नी को दोबारा शादी नहीं कर सकता है जब तक कि वह किसी अन्य व्यक्ति से शादी नहीं करती, उसके बाद वह उस आदमी से तलाक लेकर अपने पूर्व पति से शादी कर सकती है, इसके लिए 'इद्दत' नामक वियोग की अवधि को भी ध्यान में रखा जाता है.

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