केंद्र को NGT की फटकार, कहा एक जगह बताओ जहां गंगा साफ हो
केंद्र को NGT की फटकार, कहा एक जगह बताओ जहां गंगा साफ हो
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कोई एक जगह बताने को कहा जहां गंगा नदी साफ हो. NGT ने कहा कि भारी-भरकम राशि खर्च करने के बावजूद हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. वास्तविकता यह है कि इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. NGT ने कहा कि केंद्र और राज्य इतने सालों से केवल एक दूसरे पर बात डाल रहे हैं.

बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने NGT से गंगा को प्रदूषित कर रहीं औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. NGT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अब तक 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा गंगा की सफाई पर खर्च किए हैं लेकिन इसकी हालत बद से बदतर हो गई है . हम यह नहीं जानना चाहते कि आपने यह राशि राज्यों को दी है या खुद खर्च की है.

पीठ ने कहा कि गंगा नदी के 2500 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में से एक जगह ऐसी बताएं जहां गंगा की स्थिति में सुधार हुआ हो. जल संसाधन मंत्रालय की ओर से वकील ने NGT की पीठ से कहा कि 1985 से पिछले साल तक गंगा के पुनरुद्धार पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

पीठ ने कहा कि गंगा कार्य योजना (GAP) चरण-1 की शुरूआत 1985 में केंद्र पोषित योजना के तौर पर हुई थी और बाद 1993 में जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए GSP चरण-2 की शुरूआत की गई थी. साल 2009 में गंगा में प्रदूषण नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (NGRBA) बनाया गया.

पीठ ने कहा कि हम पिछले एक साल से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आप किसी न किसी वजह से मामले को टाल रहे हैं. हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते. लेकिन इस बार हम इसे आप पर नहीं छोड़ रहे. गंगा की सफाई आपकी प्रमुख जिम्मेदारी है और आपके पास बहुत कम दिन हैं

NGT ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य सरकारों समेत सभी संबंधित एजेंसियों से अपने सुझाव देने को कहा है हम प्रत्येक राज्य की जिम्मेदारी स्पष्ट करेंगे. पीठ ने कहा कि उसने पहले चरण में गोमुख से कानपुर तक गंगा की सफाई के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी करने की योजना बनाई है.

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