राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) ने ओडिशा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए हर महीने 10 लाख रुपये का जुर्माना अदा करे। राज्य सरकार द्वारा जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMCs) और लोगों की जैव विविधता रजिस्टरों (PBR) की स्थापना से संबंधित NGT के निर्देश का पालन न करने पर जुर्माना लगाया गया है।
ओडिशा सरकार को राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के मानदंडों के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को मासिक जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि फंड का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ओडिशा के मुख्य सचिव को 30 मार्च, 2020 को जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बीएमसी) और पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टरों (पीबीआर) की तैयारी के निर्देश दिए थे। बीएमसी के गठन और पीबीआर की तैयारी के लिए 31 जनवरी, 2020 था।
लेकिन सरकार निर्देशों का पालन करने में विफल रही, इसलिए एनबीए ने राज्य सरकार को फरवरी 2020 से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रति माह 10 लाख रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया है। ओडिशा सरकार के अधिकारियों ने कहा कि राज्य 31 दिसंबर, 2020 तक बीएमसी के 100% गठन और सभी स्तरों पर गतिशील पीबीआर तैयार करने या वर्तमान कोविद-एल 9 महामारी की स्थिति को सामान्य करने के बाद प्रतिबद्ध है।
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