Newstrack special: कौन बनेंगे सीएम? जानिए चुनावी विश्लेषण
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आज नार्थ-ईस्ट के तीन राज्यों में चुनाव के परिणाम आए. चुनाव परिणाम के बाद आए आकड़े काफी चौकाने वाले है, चौंकाने वाले इसलिए क्योंकि जिस राज्य में पिछले चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी वहीं अब भाजपा सत्ता पर काबिज होने जा रही है. वैसे कहने को यह सभी छोटे राज्य है, जहाँ लोकसभा की सीटें काफी कम है, लेकिन बीजेपी की इस जीत ने विपक्षी दलों की नींदे उड़ा दी होगी.

आज त्रिपुरा में आये परिणाम में देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने, 25 सालों से त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज लेफ्ट को कुर्सी से उखाड़ फेंका है. त्रिपुरा में लेफ्ट की हार और भाजपा की जीत से अब भाजपा की नजर केरल पर होगी. त्रिपुरा में भाजपा ने मात्र जीत दर्ज नहीं की, बल्कि कई मायनों में यह भाजपा के लिए बड़ी और ऐतिहासिक जीत है. भाजपा की इस जीत में पार्टी के कार्यकर्त्ता और रणनीति का अहम योगदान है, साथ ही भाजपा के त्रिपुरा में 40000 से ज्यादा ऐसे कार्यकर्ता थे जिन्होंने घर-घर जाकर कैम्पेनिंग की, जिसका नतीजा सामने है. नागालैंड में भी बीजेपी की सरकार बनने के रास्ते बहुत आसान हो गए है, यहाँ भी राज्य की जनता ने कांग्रेस को जीरो सीट पर रखा है. नागालैंड में भाजपा को सत्ता मिलना लगभग तय है. अब बात करते है मेघालय की यहाँ पर वैसे तो केंद्रीय पार्टी भाजपा दो सीट पर सिमट कर रह गई है, लेकिन मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी नेशनल पीपल्स पार्टी इस बार पहले से ज्यादा सीट लेकर मैदान में है, एनपीपी का भाजपा से गठबंधन है, भाजपा पर आरोप यह भी लगे थे कि चुनावी समीकरणों को स्थिरता देने के लिए भाजपा ने चुनाव में एनपीपी को फंडिंग की थी. कांग्रेस को जनता ने 21 सीट पर सीमित रखा है, ऐसे में कांग्रेस के लिए यह आस्तित्व का खतरा है. मेघालय में 2009 से कांग्रेस की सत्ता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार कौन जोड़-तोड़ कर कुर्सी पर बैठता है.

त्रिपुरा में एक ओर भाजपा 2013 के चुनाव में जीरो सीट पर थी, अब उसके खाते में 44 सीट है, जो एक तरह से भाजपा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जायेगा. पिछले 25 सालों से बहुमत लेकर सरकार बनाने वाली कम्युनिस्ट पार्टी पर जनता ने अविश्वास जताते हुए 15 सीट पर सीमित रखा है और कांग्रेस तो यहाँ पर अस्तित्व में ही नहीं है. नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी जहाँ पिछले चुनाव में एक सीट पर थी अब उसके 29 विधायक है और नागालैंड की क्षेत्रीय पार्टी नागा पीपल्स पार्टी को 9 सीटों का घाटा हुआ है, जो अब 27 पर है, त्रिपुरा की तरह यहां भी कांग्रेस जीरो पर सिमट के रह गई है. मेघालय में कांग्रेस ने अपनी इज्जत को बचाकर रखा है, लेकिन यहाँ भी 7 सीटों के घाटे के साथ कांग्रेस अब 21 सीट पर और भाजपा-एनपीपी गठबंधन भी 21 सीट पर है. ऐसे में यहाँ के समीकरण यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य पर निर्भर रहेंगे. 

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