भगवान के साथ मनाऐंगे नया साल
भगवान के साथ मनाऐंगे नया साल
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अंग्रेजी कैलेंडर के नववर्ष 2016 की शुरूआत में जहां आधुनिक और बड़े शहरों में सुबह की शुरूआत सेलिब्रेशन से और मध्यरात्रि में उत्साह के साथ होगी वहीं छोटे और धार्मिक शहरों में नववर्ष की पूर्व संध्या पर और नववर्ष के सूर्य का स्वागत धार्मिक अंदाज़ में ही होगा। इस दौरान कहीं भंडारों का आयोजन होता है तो कहीं देव - दर्शन का कार्यक्रम किया जाता है  और कहीं श्रद्धालु प्रसादी का वितरण भी होता है। कहीं कहीं तो सुबह की पहली किरण के ही साथ केसरिया और ओटा हुआ दूध वितरित किया जाता है। ।

पौ फटते ही राष्ट्रगान का आयोजन होगा और भारत माता की जय के स्वर गूंजते हैं। नववर्ष के अवसर पर धार्मिक नगरियों में श्रद्धालु सूर्य को अध्र्य देकर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिरों में पूजन - अर्चन करेंगे। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे। मध्यप्रदेश के पौराणिक नगर उज्जैन में नववर्ष के अवसर पर श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन करेंगे। ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर की भस्मारती में बड़े पैमाने पर श्रद्धालु दर्शन कर नववर्ष का आशीर्वाद श्री महाकालेश्वर से लेंगे।

यही नहीं श्री हरसिद्धि मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। इसके अलावा अन्य प्रमुख और दूसरे मंदिरों में भी श्रद्धालु दर्शन कर भगवान को नववर्ष की शुभकामना देकर उनका आशीर्वाद लेंगे। नववर्ष पर कोठी पैलेस पर पौ फटते ही केसरिया दूध वितरण का आयोजन किया जाता है। जिसमें उत्साह से लोग भागीदारी कर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामना देते हैं। 

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