अभूतपूर्व रही देशव्यापी हड़ताल
अभूतपूर्व रही देशव्यापी हड़ताल
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नई दिल्ली : श्रमिक संघों ने बुधवार को आहूत देशव्यापी हड़ताल को अभूतपूर्व बताया और सरकार से कहा कि उसे नए सिरे से बातचीत करनी चाहिए। श्रमिक संघों ने एक संयुक्त बयान में कहा है, "यह हड़ताल अभूतपूर्व रही। लाखों श्रमिकों ने इसमें हिस्सा लिया।" संघों ने कहा, "अर्थव्यवस्था का सभी क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ है।" बयान में कहा गया है, "यह हड़ताल खाद्य कीमतों में वृद्धि और आर्थिक सुस्ती रोक पाने में सरकार की विफलता के भी विरोध में थी, जिसकी वजह से व्यापक रूप से छंटनी हो रही है।" हड़ताल से अलग रहने वाले भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार बुधवार की हड़ताल में शामिल होने वालों की समस्याएं समझेगी। संयुक्त बयान में सरकार को चेतावनी दी गई है, "मांगों का समुचित समाधान करने के लिए उन्हें श्रमिक संघों से वार्ता शुरू करनी चाहिए। अन्यथा संघर्ष का स्तर बढ़ाया जाएगा।"

बयान के मुताबिक, आयुध कारखानों के मजदूरों के भी हड़ताल में शामिल होने से बुधवार को रक्षा क्षेत्र का उत्पादन भी ठप रहा। वित्तीय, डाक, कोयला, लौह अयस्क, तांबा और एल्युमीनियम खदानों तथा चाय बागानों में हड़ताल पूर्ण सफल रही। बिजली और दूरसंचार क्षेत्र में भी हड़ताल लगभग सफल रही।

बयान के मुताबिक, 13 राज्यों में हड़ताल पूर्ण सफल रही, जिसमें शामिल रहे केरल, असम, गोवा, तेलंगाना, पुड्डचेरी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, मणिपुर, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड। पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और मेघालय में इसका व्यापक असर देखा गया। श्रमिक संघों ने कहा है कि अधिकतर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं ठप रहीं।

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