सुप्रीम कोर्ट ने CAB के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग पर किया विचार
सुप्रीम कोर्ट ने CAB के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग पर किया विचार
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 नागरिकता संशोधन कानून 2019  के विरुद्ध जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुए कथित हिंसक प्रदर्शनों को थामने के लिए पुलिस की कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की गयी थी। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार , शीर्ष अदालत ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरुद्ध हिंसा की सीबीआई या अदालत की निगरानी वाली एसआईटी जांच की मांग पर विचार करने के लिए तैयार है। दाखिल याचिका में हिंसा की घटनाओं की सीबीआइ या अदालत की निगरानी में एसआइटी से जांच कराने की मांग की गई है। 

पश्चिम बंगाल में हिंसा पर जल्द सुनवाई की मांग पर अदालत ने कहा कि हम सभी अदालतों का क्षेत्राधिकार अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। हर जगह की घटना और परिस्थितियां अलग हो सकती हैं। ऐसे मामले पहले हाई कोर्ट में जाने चाहिए। वकील अश्वनी उपाध्याय ने उपद्रव की घटनाओं की एनआइए से जांच कराए जाने की मांग की है। इस बीच द्रमुख (DMK) ने भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत ने सोमवार को वकील इंदिरा जयसिंह (Indira Jaising) की याचिका पर कहा था कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के विरुद्ध नहीं हैं परन्तु हम कानून व्‍यवस्‍था को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। मुख्‍य न्‍यायाधीश एसए बोबड़े (Chief Justice SA Bobde) ने कहा था कि वह चाहते हैं कि हिंसा रुके। हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे परन्तु दंगे की हालातों में यह नहीं हो सकता है। 

 

मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा था कि पहले हिंसा शां‍त होनी चाहिए तब बाद में हम पूरे मामले पर विचार करेंगे। हम अधिकारों और शातिंपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं। हम शांति को लेकर आश्‍वस्‍त होना चाहते हैं लेकिन यदि आप सड़क पर उतरना चाहते हैं तो हमारे पास न आएं। इंदिरा जयसिंह (Indira Jaising) ने शीर्ष अदालत (Supreme Court) से कहा था कि अदालत इस मसले पर संज्ञान ले क्‍योंकि ऐसी घटनाएं मानवाधिकार का उल्लंघन हैं। जानकारी के लिए बता दें कि देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर असम और बंगाल से शुरू हुई हिंसा की लपटों ने रविवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ को अपनी चपेट में ले लिया था। दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्‍वविद्यालय और अलीगढ़ के एएमयू में उपद्रवियों ने सबसे ज्यादा बवाल किया। दिल्ली में कई बसें फूंक दी गईं। यहां छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों समेत करीब 40 लोग घायल हो गए थे। 

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