बाघ से लड़कर बचाई मां की जान, अब मिलेगा वीरता पुरस्कार
बाघ से लड़कर बचाई मां की जान, अब मिलेगा वीरता पुरस्कार
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नई दिल्ली : इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में करीब 25 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार प्रदान किए जाऐंगे। इन बच्चों को वर्ष 2015 के लिए चयनित किया गया है। इनमें से दो बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जा रहा है। इन बच्चों में 22 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं। इन बच्चों में महाराष्ट्र के गौरव कावुदुजी सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हैं। 

सहस्त्रबुद्धे को इन पुरस्कारों में सबसे उच्च पुरस्कार सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाएगा। प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार तेलंगाना की 8 वर्ष की शिवमपेट रूचिता को दिया जाना तय है। रूचिता ने अदम्य साहस दिखाते हुए दो बच्चों की जान बचाई थी। स्कूल बस से एक ट्रेन टकरा गई। पुरस्कार पाने वालों में एक छोटी बच्ची भी शामिल है। 

उल्लेखनीय है कि इन सम्मानों में संजय चोपड़ा पुरस्कार उत्तराखंड के 16 वर्ष के अर्जुन सिंह को प्रदान किया जाएगा। दरअसल इस बच्चे ने बाघ से लड़कर अपनी मां की जान बचाई है। मिजोरम के 15 वर्ष के रामदिनथारा और गुजरात के 13 वर्षीय बालक राकेश भाई शानाभाई पटेल और केरल के 12 वर्ष के अरोमल एसएम को बापू गईधानी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

पुरस्कार का चयन उच्चस्तरीय समिति द्वारा किया गया है। इसमें विभागों के ही साथ एनजीओ और भारतीय बाल कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल थे। गणतंत्र दिवस के पूर्व 24 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें सम्मानित करेंगे। इन बच्चों को हाथियों की सवारी भी करवाई जाएगी। वर्ष 1957 में दो बच्चों को बहादुरी हेतु पुरस्कार प्रदान किए गए थे। जिसके बाद प्रति वर्ष बच्चों को ये पुरस्कार प्रदान दिए जाते हैं। 

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