नईदिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में पहल की जा रही है। इस प्राधिकरण के निर्माण का लाभ यह होगा कि आईआईटी और दूसरे टाॅपर इंजिनियरिंग संस्थानों के एंट्री टेस्ट के आयोजन के तरीके में बदलाव होगा। एनएटी का कार्य जेईई में दाखिल होने से पूर्व का होगा। एनएटी संस्थान को आने वाले महीनों में गठित किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसका पहला और बड़ा कार्य वर्ष के अंतिम माह में परीक्षाऐं आयोजित करने का होगा। हालांकि इस तरह के संस्थान में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा फेस करना होगी।
ऐसे संस्थान के निर्माण का लाभ यह होगा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंक 2017 हेतु आवेदकों को शाॅर्टलिस्ट करने का आधार बनेंगे। जेईई - एडवांस परीक्षा का आयोजन आईआईटी हेतु किया जाता है। मंत्रालय जल्द ही इस हेतु एक नोडल एजेंसी का गठन करेगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति मांगे जाने की बात भी कही गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनएटी के गठन पर आईआईटी परिषद की ओर से गठित की गई समिति की सिफारिश के आधार पर यह प्रारंभ किया था।
दरअसल इस संस्थान के निर्माण के लिए जिम्मेदार समिति द्वारा यह बताया गया है कि जेईई के ही आधार पर फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित में जानकारी हासिल करने हेतु डिजाईन किया जाएगा। समिति द्वारा सिफारिश की गई थी कि करीब 40 हजार परीक्षार्थियों को रैंक दी जाएगी। दूसरी ओर एक साझा काउंसिलिंग के आधार पर आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश के प्रयास किए जा रहे हैं।