सोल : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दक्षिण कोरिया पहुंचे जहां उन्होंने भारतीयों और कोरिया वासियों को संबोधित किया। अपने उद्बोधन की शुरूआत नमस्ते से करने वाले मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया सभागार मोदी - मोदी के जयकारों से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर ने कोरिया को लैंप आॅफ ईस्ट कहा था। शायद जो दीव्य दृष्टा होते हैं मनीषी होते हैं उनके मुंह से जो शब्द निकलते हैं उनकी कलम से जो वाक्य निकलते हैं उसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है।
कोरिया की स्थिति प्रगति आज जैसी है वैसी पहले नहीं थी। मगर लगभग 80 से 90 वर्ष पूर्व रविंेद्रनाथ टैगोर ने देखा था तो कोरिया को पूरब के उदय के तौर पर जाना था। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसमें एक्ट ईस्ट पाॅलिसी का उल्लेख है। यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपका अनुभव और ज्ञान जितना भारत के साथ जुड़ेगा भारत को आगे बढ़ने में सुविधा मिलेगी। मोदी ने कहा मैं मक्खन पर लकीर खीचने वालो में से नहीं हूँ. मैं पत्थर पर लकीर खीचना जनता हूँ.
कोरिया में जो तकनीक है उसका लाभ भारत को जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग विदेशों में रहते हैं, उनकी कमाई कितनी भी होती हो लेकिन वे भारत आने के लिए वापस तैयार रहते हैं। यह सवा सौ करोड़ देशवासियों का जज़्बा है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की तीन दिवसीय यात्रा के बाद मंगोलिया होते हुए दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं जहां वे भारत और कोरिया के बीच होने वाले रक्षा और विभिन्न मसलों के महत्वपूर्ण सौदों पर चर्चा करेंगे साथ ही कई अन्य मसलों पर वे वहां चर्चा करेंगे। इस दौरान सियोल में उनका जमकर स्वागत किया गया।