भक्तों को निहार नैना देवी देती हैं दर्शन
भक्तों को निहार नैना देवी देती हैं दर्शन
Share:

माता सती, आदि देव श्री शिव की अर्धांगिनी,जिनमें मातृत्व और शक्ति दोनों ही विद्यमान हैं। ऐसी माता जो अपने भक्तों पर कृपा रखती हैं। आज भी इस भू लोक पर माता सती विभिन्न क्षेत्रों में शक्ति स्वरूप में विराजित हैं। दरअसल जब माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ को भंग कर दिया तो शिव यज्ञ में उनके द्वारा आहूति दिए जाने से शोक में डूब गए। इसके बाद उनके शोक को दूर करने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु ने अपने सुदर्शन को माता के शव को विभिन्न भागों में बांटने का आदेश दिया। जब माता का शरीर विभिन्न भागों में बंट गया तो शिव का शोक दूर हो गया और जहां कहीं भी माता सती के शरीर के भाग गिरे वहां जागृत शक्तिपीठ निर्मित हो गए। ऐसे करीब 51 शक्ति पीठ प्रतिष्ठापित हुए हैं। कहीं कहीं पर भगवान के 52 शक्तिपीठ भी कहे जाते हैं।

ऐसे शक्तिपीठों में नैनादेवी भी एक जागृत स्थल है। हिमाचल प्रदेश में प्राणप्रतिष्ठित इस मंदिर की अपनी अलग महिमा है। कहा जाता है कि यहां माता सती के नैनों की शक्ति विराजमान हैं। जिस कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं। मंदिर समुद्र तल से 11000 मीटर की उंचाई पर स्थित है। मंदिर में मख्य द्वार के दोनों ओर भगवान श्री गणेश और श्री हनुमान जी की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित है।

यही नहीं श्री महाकालि के मध्य नैना देवी प्राण प्रतिष्ठापित हैं तो दूसरी ओर इनके बाईं ओर भगवान श्री गणेश विराजित हैं। मंदिर के पास पवित्र तालाब है। जिसका पूजन और दर्शन भी श्रद्धाल करते हैं। मंदिर में प्रवेश के लिए गुफा मार्ग अपनाया जाता है। कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से श्रद्धालु की सभी मनोकामना पूर्ण होती है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -