1975 की एमरजेंसी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए : नायडू
1975 की एमरजेंसी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए : नायडू
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू ने आपातकाल को 42 वर्ष पूर्ण होने पर जोर देते हुए कहा है कि आपातकाल को एक अध्याय के तौर पर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाना चाहिए। आपातकाल ने एक पीढ़ी के मन में ऐतिहासिक छाप छोड़ी है जिसके बारे में जानने को लेकर आज भी उत्सुकता होती है,उन्होंने लोकतंत्रिक इतिहास में इसे सबसे काला अध्याय बताया। एम वैंकेया नायडू ने कहा कि  युवा पीढ़ियों को आपातकाल को लेकर अधिक कुछ याद भी नहीं होगा ऐसे में यदि इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है तो फिर युवा पीढ़ी इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगी।

गौरतलब है कि 25 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो प्रसारण कार्यक्रम में आपातकाल के 42 वर्ष पूरे होने के मौके पर कांग्रेस की अप्रत्यक्षतौर पर आलोचना की। उन्होंने प्रकाश त्रिपाठी का उल्लेख करते हुए आपातकाल पर उनके लिखे पत्र को लेकर चर्चा की।

उन्होंने लिखा कि 25 जून लोकतंत्र के इतिहास में काले कालखंड के तौर पर याद किया जाता है। उन्होंने लोकतंत्र को संस्कार बताते हुए कहा था कि 25 जून 1975 को जो घटना हुई वह काली रात थी। सारा देश जेल में बदल गया था। अखबार बेकार हो गए थे और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत अन्य नेता जेल में थे।

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