मुंबई: मुंबई में अदालत ने सेवरी इलाके में 2010 में हुई एक युवती से बदतमीजी करने और सरेआम उसे निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में 11 महिलाओं और एक पुरुष को 2 साल की कैद की सजा से दंडित किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में मुंबई की कोर्ट ने बचाव पक्ष की इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें दलील दी गई थी कि एक महिला को दूसरी महिला की इज्जत लूटने के आरोप में सजा नहीं दी जा सकती है. अदालत ने अपने इस फैसले को सुनाते हुए कहा है कि आईपीसी का सेक्शन 8 जेंडर को डिफाइन करता है.
इसके मुताबिक, किसी भी व्यक्ति (चाहे वह पुरुष या महिला) के लिए HE शब्द का ही इस्तेमाल किया जाएगा, चाहें वह पुरुष हो या महिला. आईपीसी की धारा 354 में जिस मेल जेंडर की बात की गई है, उसे आईपीसी की धारा आठ के साथ जोड़कर पढ़ने की जरूरत है. आईपीसी की धारा आठ के आधार पर महिला और पुरुष दोनों ही आरोपी हो सकते हैं इसलिए आईपीसी की धारा 354 भी पुरुष और महिलाओं दोनों पर लागू होगी. तथा इसमें पता चला है कि पीड़िता का भाई पर 4 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
आरोपी लड़के के परिजनों को सबक सिखाने के लिए ही इन महिलाओं ने जून 2010 में युवती को सड़क पर ले जाकर उसे निर्वस्त्र कर दिया था. अदालत ने कहा कि यह एक बहुत ही घृणित अपराध कि श्रेणी में आता है तथा यह सब आरोपी लड़के के परिवार वाले को सबक के तहत किया गया था. अदालत ने इन 11 महिलाओं और एक पुरुष को 2 साल की कैद के साथ साथ सभी दोषियों पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.