मुझको ऐसा ‪दर्द‬ मिला जिसकी ‪दवा‬ नहीं
मुझको ऐसा ‪दर्द‬ मिला जिसकी ‪दवा‬ नहीं
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मुझको ऐसा ‪दर्द‬ मिला जिसकी ‪दवा‬ नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,
जिसको ‪खुदा‬ ने मेरे ‪‎नसीब‬ में लिखा ही नहीं।

 

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