भोपाल: मानसून द्रोणिका वर्तमान में इंदौर से होकर गुजर रही है। इसके अतिरिक्त अलग-अलग जगहों पर दो प्रभावी मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। इनके प्रभाव से राज्य के ज्यादातर जिलों में रुक-रुककर बारिश हो रही है। इसी क्रम में बीते 24 घंटों के चलते शनिवार प्रातः साढ़े 8 बजे तक उज्जैन में 65, खंडवा में 63, नर्मदापुरम में 56.4, सिवनी में 54.4, बैतूल में 53.4, भोपाल में 42.6, नरसिंहपुर में 40, धार में 30. 4, खरगोन में 30.4, रतलाम में 27, छिंदवाड़ा में 21.2, मलाजखंड में 18.4, इंदौर में 14.7, जबलपुर में 12.8, रायसेन में 6.4, पचमढ़ी में 6.2, मंडला में 3.3, उमरिया में 2.8, सागर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। उधर राजधानी में शुक्रवार रात को 10 बजे से एक बजे के मध्य तकरीबन 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चली तथा भारी गरज-चमक के साथ डेढ़ इंच से ज्यादा बारिश हुई थी।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के चलते राज्य में छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानपुर, रतलाम में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके अतिरिक्त बालाघाट, सीहोर, हरदा, खंडवा, खरगोन, इंदौर तथा उज्जैन जिलों में भी भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त कटनी, जबलपुर, मंडला, दमोह, विदिशा, रायसेन, भोपाल, नर्मदापुरम, झाबुआ, शाजापुर आगर, मंदसौर, नीमच, गुना व अशोकनगर जैसे जिलो में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, इंदौर, नागपुर से कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी ओडिशा एवं उत्तरी आंध्र प्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह पश्चिम, उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हालांकि कम दबाव के क्षेत्र के आगे बढ़ने की रफ्तार काफी मंद होने के कारण अपेक्षाकृत नमी नहीं मिल रही है। इस कारण अधिकतर जगहों पर गरज-चमक के साथ ही तेज बौछारें पड़ रही है।
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