लोकसभा में हुई बहस : फैमिली फर्स्ट-नेशन लास्ट की राह पर कांग्रेस : अनुराग

लोकसभा में हुई बहस : फैमिली फर्स्ट-नेशन लास्ट की राह पर कांग्रेस : अनुराग
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नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। जहां राज्यसभा एक ही दिन में तीन - तीन बार स्थगित हो गई वहीं लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित विद्यार्थी की आत्महत्या का मामला गूंजा और इस मामले में जमकर हंगामा हुआ। इस मामले में 6 बार राज्यसभा स्थगित हुई। लोकसभा में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का मसला भी सामने रखा गया। इस दौरान प्रश्नकाल में कई तरह के सवाल उठे। दूसरी ओर सांसदों के उद्बोधन के दौरान भी विरोधियों ने अपनी आवाज़ उठाई लेकिन कुछ सांसदों का प्रभावशील संबोधन रहा जिसे सभी सुनते रहे।

इस दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना उद्बोधन दिया। सांसद अनुराग ठाकुर ने भारतीय सेना के जांबाज जवानों को याद करते हुए कहा कि सियाचिन में बर्फ की चादर में वे वीर लिपट गए। जम्मू कश्मीर में शहीद होने वाले कैप्टन जो कि पंपोर में आतंकियों का सामना करते हुए शहीद हुए। इन शहीदों के पास भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री थी।

कांग्रेस नेता उनके घर क्यों नहीं गए। वे कांग्रेसी क्या कहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ही सोचना है पहले फैमिली, दूसरे नंबर पर पार्टी और फिर वे देश की बात करते हैं। वर्ष 2010 में तिरंगा फहराने के लिए मुझे ही पकड़ यिा गया। उन्होंने कहा कि जिस जेएनयू को लेकर सवाल उठ रहे हैं उस जेएनयू का योगदान भी बड़ा है। मगर कांग्रेसियों को यह नहीं भूलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात हो रही है उसे इमरजेंसी में दबा दिया गया। इमरजेंसी में आखिर क्या हुआ था। ये लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं। तो उसे लेकर बहुत दुख होता है। ब्लैक आउट करने वाले इमरजेंसी के समय शायद कुछ नहीं देख रहे थे। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत को लेकर सवाल उठाए। 

उन्होंने कहा कि रोहित एक गरीब परिवार से था। उसके पिता और माता दोनों ही गरीबी में रहा करते थे। ऐसा विद्यार्थी अपने शोध कार्य के लिए आया था। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण बात करते हुए कहा कि देश में युवाओं की डिमांड को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने किसानों की मांग अर्थात् डिमांड के पूरा न हो पाने और उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने को लेकर भी गंभीरता से अपनी बात रखी।

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