नई दिल्ली : आपने शायद एक गीत की कुछ पंक्यिां सुनी होंगी पूत कपूत सुने पर माता सुनी न कुमाता। मगर हाल ही में एक मां ने अपनी बेटी को मौत के पास छोड़कर इस पंक्ति को कुछ गलत साबित कर दिया है। हालांकि इसके पीछे मां की मंशा क्या रही होगी यह तो जानकारी नहीं लग सकी लेकिन हाल ही में एक बेटी को उसकी मां ने किडनी देने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसकी सास आगे आई और उसकी मां बनकर उन्होंने बहू को जीवन देने के लिए उसे अपनी किडनी दान कर दी। यह वाकया हुआ है दिल्ली के उत्तमनगर में इस दौरान यहां रहने वाली कविता की दोनों ही किडनियां खराब हो गई थीं। वर्ष भर से वह औषधियों पर निर्भर थी। हालात ये थे कि वह डायलिसिस पर ही जीवन बिता रही थी। ऐसे में उसके पास किडनी ट्रांसप्लांट का ही विकल्प था।
इस दौरान जब परिजन ने किडनी बदलने का फैसला लिया तो मां किडनी देने के लिए तैयार हो गई लेकिन बाद में आॅपरेशन के कुछ समय पहले उसकी मां ने किडनी देने से इंकार कर दिया। ऐसे में उसकीसास विमला आग आई और उसने अपनी बहू को किडनी दे दी। अब सास बहू दोनों ही स्वस्थ्य हैं।