जन्मदिन विशेष : देसाई ने सबसे ज्यादा बार पेश किया देश का बजट
जन्मदिन विशेष : देसाई ने सबसे ज्यादा बार पेश किया देश का बजट
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स्वाधीनता संग्राम सेनानी और देश के 6ठे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ऐसे बिरले व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने देश का आम बजट 10 बार सदन के पटल पर रखा। वें देश का बजट सबसे ज्यादा बार पेश करने वाले व्यक्ति है। वे ऐसे वित्तमंत्री रहे जिन्होंने दो बार अपने जन्मदिन 29 फरवरी को संसद के पटल पर आम बजट प्रस्तुत किया। मोरारजी देसाई देश के वित्तमंत्री बाद में थे मगर पहले वे स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने देश के 6 ठे प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ भी ली। इस महान शख्सियत का जन्म 29 फरवरी 1896 को गुजरात के भदेली स्थान पर हुआ था। उनके पिता रणछोड़ देसाई भावनगर में स्कूल के शिक्षक थे। वे वर्ष 1977 से 1979 तक देश के प्रधानमंत्री भी थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार का नेतृत्व किया।

मोरारजी बांबे स्टेट के मुख्यमंत्री थे। वर्ष 1974 में भारत ने पहली बार परमाणु विस्फोट भी किया जो कि चीन और पाकिस्तान से दोस्ताना संबंध स्थापित करते थे। मोरारजी देसाई ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। मोरारजी को भारत का सर्वोच्च नागरिक अलंकरण भारत रत्न और पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया। हालांकि ब्रिटिश राज व्यवस्था में मोरारजी देसाई डिप्टी कलेक्टर थे।

मगर वर्ष 1930 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वर्ष 1927 और 28 के दौरान गोधरा में उपद्रव के दौरान उन्होंने हिंदूओं के लिए नरमी दिखाई थी। बाद में वे महात्मा गांधी से प्रभावित हुए थे। महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से भी वे जुड़े। स्वाधीनता के बाद वे गृहमंत्री रहे और स्वाधीनता के बाद वर्ष 1952 में बांबे स्टेट के मुख्यमंत्री चयनित हुए। वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और इंदिरा गांधी के ही साथ उनका पार्टी में अच्छा प्रभाव था।

वर्ष 1975 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी को चुनाव में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया। उन पर आरोप लगाया गया था कि वर्ष 1971 के चुनावों में उन्होंने सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया। विशेष बात यह रही कि आपातकाल में इंदिरा के निर्णयों का विरोध करने वालों में मोरारजी देसाई भी शामिल थे। 99 वर्ष की आयु में उन्होंने 10 अप्रैल 1995 को अंतिम सांस ली। उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।

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