सरकार की नीतियों के चलते फिर हथियार उठाने पर मजबूर हैं कश्मीरी युवा
सरकार की नीतियों के चलते फिर हथियार उठाने पर मजबूर हैं कश्मीरी युवा
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श्रीनगर : अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को लेकर विरोध किया जा रहा है। दरअसल यासीन कश्मीरी युवाओं के फिर से हथियार उठाने पर चिंचित हो गए। उनका कहना था कि भारत सरकार जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को राजनैतिक अवसरों से वंचित कर रही है। जिसके परिणाम बेहद गंभीर होने की बात कही गई है। दरअसल कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कहा कि जम्मू - कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को सरकारों द्वारा दरकिनार कर दिया गया है।

इस मामले में उन्होंने करीब आधे घंटे तक भूखहड़ताल की । इस दौरान मलिक द्वारा यह भी कहा गया कि भारत सरकार द्वारा कश्मीर में असंतोष व्यक्त कर सभी अवसरों को नकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवा फिर शस्त्र उठाने पर मजबूर हैं। इस तरह का संघर्ष वर्ष 1990 के दशक से भी बड़ा माना जा रहा है। 

यासीन ने कहा कि आंदोलनकारी युवाओं और उनके परिजनों के साथ पुलिस बुरा व्यवहार करती है। यदि ऐसा ही रहा तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। उनका कहना है कि रात में छापेमारी कर युवाओं को पकड़ा जा रहा है। युवाओं के पकड़े जाने के बाद उन्हें पीटा जा रहा है। उनके परिजन को अपमानित किया जा रहा है। जो प्रदर्शन सही तरह से हो रहे हैं, शांतिपूर्ण हैं उनमें भी पुलिस लाठीचार्ज, गोलियां चलाने, आंसूगैस छोड़ने जैसी कार्रवाई कर रही है।

सरकार की इस तरह की कार्रवाई से युवा परेशान हैं। उनमें असंतोष की भावना विकसित हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। भूखहड़ताल के माध्यम से वे लोकतांत्रिक आंदोलन बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यासिन मलिक ने कहा कि शांति वार्ता में कश्मीरियों को भी शामिल किया जाना जरूरी है।

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