मिशनरीज ने बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया रोकी
मिशनरीज ने बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया रोकी
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कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा बच्चों को गोद दिये जाने संबंधी दिशा-निर्देशों की समीक्षा के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने अपने यहां के अनाथ बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया 2 माह पहले रोक दी है. बता दें कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना मदर टेरेसा ने की थी. महानगर स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 2 महीने पहले मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भारत में अपने सभी दत्तक कार्य को रोकने का फैसला किया. हमने दत्तक केंद्रों को चलाने के लिए मिला हमारा मान्य दर्जा स्वेच्छा से त्याग दिया है. क्योंकि मदर टेरेसा द्वारा शुरू किए गए कार्य को जारी रखते हुए सभी प्रावधानों का पालन करना अब संस्था के लिए मुश्किल हो गया है . 

मिशनरीज की प्रवक्ता सुनीता कुमार ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अधिसूचना के तहत नये दिशा-निर्देश 'गाइडलाइंस गवर्निंग एडॉप्शन ऑफ चिल्ड्रेन 2015' जारी किये जाने के बाद यह निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद जुलाई में अधिसूचित दिशा-निर्देशों में अकेले अभिभावक (अलग रह रहे, तलाकशुदा, अविवाहित माताओं) को ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से बच्चे गोद लेने के लिए पात्र बनाया है.

बता दें कि हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा था कि वह उन बाल गृहों की पहचान करेगा, जहां किशोर न्याय कानून (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. इनमें मिशनरीज द्वारा संचालित अनाथालय भी शामिल थे. हालांकि मिशनरीज अपने केंद्रों में अविवाहित माताओं, बेसहारा बच्चों, कुपोषित और नि:शक्त बच्चों की मुफ्त देखरेख करता रहेगा.

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