रूस से ख़रीदे गए जेट मिग-29 लड़ाकू विमानों की हालत खराब, उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं : नियंत्रण एवं महालेखापरीक्षक
रूस से ख़रीदे गए जेट मिग-29 लड़ाकू विमानों की हालत खराब, उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं : नियंत्रण एवं महालेखापरीक्षक
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नई दिल्‍ली: भारतीय नौसेना समुद्री तटरेखा से सुदूर इलाकों तक अपनी दमदार उपस्थिति के लिए अपने एकमात्र लड़ाकू जेट मिग-29के पर निर्भर है. हाल ही में  नियंत्रण एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में इनकी क्षमता पर सवालियां निशान उठाए गए है. भारत ने 2004-10 के दौरान इस तरह के 45 लड़ाकू विमानों को खरीदा था.

दो दिन पहले कैग द्वारा संसद में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, इसकी स्थिति इतनी खराब है कि यह वास्‍तव में उपयोग के लिए ही उपलब्‍ध नहीं है. रिपोर्ट में कैग ने कहा है, ''मल्‍टी रोल और नौसेना बेड़े के एयर डिफेंस का अहम हिस्‍सा मिग-29के समस्‍याओं से ग्रसित है.'' इसके इंजन में खराबियों समेत कई समस्‍याएं हैं. इसका मतलब है कि ''जब भी इसे तैनात किए जाने की जरूरत होगी तो बेहतर से बेहतर स्थिति में भी ऑपरेशनों के लिए 50 प्रतिशत से भी कम मामलों के लिए ही यह पूरी तरह फिट रहेगा.''

गौरतलब है की फ़िलहाल यह विमान देश के प्रमुख युद्धपोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया गया है. कोच्चि में निर्मित हो रहे विमानवाहक पोत विक्रांत का भी यह मुख्‍य लड़ाकू विमान होगा. इस बात की भी पूरी संभावना है कि यह अभी डिजाइन स्‍तर पर चल रहे तीसरे विमानवाहक पोत विशाल का भी मुख्‍य लड़ाकू विमान होगा.

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