जानिए सुहागनों का पवित्र व्रत करवा चौथ के विधान के बारे में
जानिए सुहागनों का पवित्र व्रत करवा चौथ के विधान के बारे में
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हिन्दू सभ्यता में करवा चौथ का व्रत सुहागनों का सबसे पवित्र व्रत माना जाता है। करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाये अपने पति के लिए रखती है। लेकिन एक छोटी सी भी चूक आपका व्रत खंडित कर सकती है। इस लिए व्रत को करने से पहले ही जान ले करवा चौथ व्रत का विधि विधान ,ताकि आपको व्रत करने में किसी ही प्रकार की समस्याओ से आपको गुजरना न पड़ेगा।

करवा चौथ व्रत का विधान :- सर्वप्रथम सुहागन महिलाये एक ताबे के लोटे में जल भर कर रख ले साथ ही एक पाटिया और एक करवे में गेहू भर कर रखना चाहिए। बाजार से शिव जी कार्तिकेय जी की बनी आकृति ले आये यह न हो सके तो कागज पर चंदमा की कार्तिकेय जी साथ में शिव जी की प्रतिमा बना कर उसका पूजन करे। उपवास को उजमन करने के लिए एक थाली में चार पूड़ी और शिरा रखे ,यह न हो सके तो अपनी श्रद्धा अनुसार रख कर उसमे साड़ी रखे अपनी श्रद्धा के अनुसार पैसे रख कर अपनी सास का आशीर्वाद ले कर उन्हें देदे ।

महिलाओ को शिव जी की प्रतिमा के सामने शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति सुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे। 'से शिव जी का पूजन करना चाहिए । साथ ही ओम नमः शिवाय का जप कर शिव जी की आराधना करे। साथ ही कार्तिकेय जी की आराधना के लिए षण्मुखाय नमः का उच्चारण करे । चाँद जैसे ही दिखने लगे वैसे ही नैवेद्य अर्पण कर चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद भोजन करे ।

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