![META ने ट्विटर को बंद करने के लिए चली नई चाल](https://media.newstracklive.com/uploads/technology-news/mobile-apps/Feb/09/big_thumb/meta_6203a1f04610b.jpg)
Facebook, Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी Meta एक नए प्रोडक्ट पर कार्य भी कर रहे है. इस प्रोडक्ट के बारे में अभी बहुत कम ही सूचना मिलती है, लेकिन कुछ-कुछ ट्विटर जैसा हो सकता है. एलॉन मस्क की एंट्री के उपरांत से ट्विटर को लेकर लोगों में मन में संदेह है और टेक कंपनियां इसका लाभ उठाना चाहती हैं. अब इस गेम में Facebook की पैरेंट कंपनी Meta की एंट्री हो गई है. META एक नया सोशल मीडिया ऐप तैयार कर रहा है, जिस पर लोग टेक्स्ट बेस्ड अपडेट्स पोस्ट कर पाएंगे. ये ऐप अभी अपने शुरुआती दौर में है.
क्या है Meta की तैयारी?: कंपनी ने Platformer को दी एक्सक्लूसिव जानकारी में कहा है, 'हम टेक्स्ट अपडेट्स साझा करने के लिए एक स्टैंडअलोन डिसेंट्रलाइज्ड सोशल नेटवर्क तैयार कर रहे हैं.' कंपनी ने कहा है कि, 'हमें लगता है कि अभी एक स्पेस मौजूद है, जहां क्रिएटर्स और पब्लिक फिगर्स अपने इंटरेस्ट के बारे में वक़्त- वक़्त पर साझा कर सकते हैं.' मेटा के नए ऐप को लेकर चर्चाएं बीते कुछ वक्त से लगातार सुनने के लिए मिल रहा है.
इसे P92 कोडनेम से स्पॉट भी किया गया है, इसमें यूजर्स Instagram क्रेडेंशियल्स की सहायता से लॉगइन कर पाएंगे. प्रोजेक्ट के बारे में फिलहाल कम ही जानकारी मौजूद है. ये प्रोडक्ट अभी-भी अपने शुरुआती दौर में है. कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इसे लेकर अभी कोई भी ट्राइमफ्रेम नहीं तैयार भी नहीं की है, लेकिन लीगल और रेगुलेटरी टीम्स ने काम शुरू कर चुका है. इस प्रोजेक्ट को इंस्टाग्राम के प्रमुख Adam Mosseri लीड कर रहे हैं.
डिसेंट्रालइज्ड होना खूबी भी और चुनौती भी: इस प्रोजेक्ट के बारे में सबसे दिलचस्पी वाली बात तो यह है कि Meta इसका नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड रखने वाली है. META का ये कदम उसे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से मुकाबला करने में सहायता करने वाले है. पहले भी डिसेंट्रलाइज्ड ऐप्स को लेकर मांग भी उठने लगी है. किसी ऐप के नेटवर्क का डिसेंट्रलाइज्ड होने का मतलब है कि उसका DATA किसी एक स्थान या सर्वर पर स्टोर और कंट्रोल नहीं होने वाला है. बल्कि इसका कोई केंद्र ही नहीं होगा. इसे आप क्रिप्टोकरेंसी की तरह समझ पाएंगे. जैसे हमारे पैसे को RBI कंट्रोल भी कर रहा है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी संस्था या एजेंसी कंट्रोल नहीं करती है.
यहां तक की Twitter के पूर्व सीईओ और को-फाउंड Jack Dorsey ने भी डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क की बात भी बोली है. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपना नया ऐप Bluesky को भी पेश कर दिया गया है, जो एक डिसेंट्रलाइज्ड ऐप है. ये ऐप फिलहाल iOS पर BETA वर्जन में उपलब्ध है और इसे यूज करने के लिए आपको प्राइवेट इनवाइट की आवश्यकता होने वाली है. इसका डिजाइन बहुत हद तक ट्विटर जैसा ही है. डिसेंट्रलाइज्ड ऐप्स के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं. अभी तक कोई डिसेंट्रलाइज्ड APP एक प्रॉफिटेबल बिजनेस में कन्वर्ट नहीं हो सका है. ये चुनौती मेटा के साथ भी रहेगी, जो पिछले कुछ वक्त से रेवेन्यू को लेकर जूझ रही है.
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