पागलपन के शिकार लोग नौकरी हेतु सक्षम नहीं : मेनका गांधी
पागलपन के शिकार लोग नौकरी हेतु सक्षम नहीं : मेनका गांधी
Share:

नई दिल्ली: विकलांगता बिल वर्ष 2014 को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उनका कहना था कि यह बिल मानसिक रूप से बीमार और मानसिक विकलांगों में अंतर नहीं करता है। मगर यह बात है कि इनमें अंतर होता है। उनका कहना था कि पागल व्यक्ति को किस तरह से नौकरी दी जा सकती है।

दरअसल विकलांगता विधेयक 2014 की जांच करने के लिए मेनका गांधी और अन्य मंत्रियों द्वारा मंत्रणा की गई है, इन मंत्रियों का एक दल इस संदर्भ में चर्चा कर चुका है। शीतकालीन सत्र में पेश करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा कहा गया कि राज्य सभा में इसे पेश करने से पूर्व इस बिल हेतु कैबिनेट की स्वीकृति आवश्यक है।

विकलांगों के अधिकारों का राष्ट्रीय मंच के सचिव और मुरलिधरन को पत्र लिखकर कहा गया कि दिमागी तौर पर पागलपन के शिकार लोग नौकरियों हेतु सक्षम नहीं हैं मगर यह भी संभावना है कि विकलांग भी इस हेतु योग्य न हों। जिसके चलते पूरी तरह से इसे सही नहीं कहा जा सकता कि मानसिक रूप से बीमार लोग रोजगार हेतु योग्य नहीं हो सकते हैं। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -