मैं चोर हूँ ,सपनों का सौदागर नहीं
मैं चोर हूँ ,सपनों का सौदागर नहीं
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रात को एक घर में चोर घुसे

दरवाजा खोला तो देखा की

एक बुढ़िया सोई हुई है

आवाज से उसकी आँख खुल गई

वह बोली बेटा सारा सामान ले जाओ

पर मुझे मेरे सपने का मतलब बता दो

में सपने में रेगिस्तान में खो गइ हूँ

एक चील मेरे पास आई और

उसने 3 बार जोर जोर से बोला अभिलाष

अभिलाष अभिलाष इसका क्या मतलब?

इतने में पास के कमरे से अपना नाम सुन

बुढ़िया का बेटा अभिलाष आ गया और

चोर को मारने लगा बुढ़िया बोली बस करो

अब यह अपने किए की सजा भुगत चुका।

चोर बोला,नहीं- नहीं मुझे और कूटो, सालों

ताकि मुझे आगे याद रहे कि मैं चोर हूँ ,

सपनों का सौदागर नहीं।

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