जनसंचार में  करियर के लिए है अच्छे मोके
जनसंचार में करियर के लिए है अच्छे मोके
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प्रस्तावना- प्राचीन काल से ही संचार की प्रक्रिया चलती आ रही है जिसका मुख्य उदाहरण भगवान नारद जी हैI  विश्व ने हाल के वर्षों में संचार तकनीक एवं माध्यमों में अद्भुत व अभूतपूर्व परिवर्तन देखे हैं I आज तकनीक ने भौतिक सीमाओं को तोड़कर संपूर्ण विश्व को एक-सूत्र में पिरो दिया है I इसी से जन-संचार का क्षेत्र आज शिक्षा व करियर की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है I जन-संचार का क्षेत्र केवल पत्रकारिता तक ही सीमित नहीं है वरन यह आधुनिक युग का एक ऐसा सत्य है जो मानव-जीवन व इससे जुड़े लगभग सभी क्षेत्रों से किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है I पिछले कुछ समय में मास-मीडिया के क्षेत्र में काम करने की परिकल्पना में भी बड़ा परिवर्तन आया हैI जन-संचार का क्षेत्र आज न केवल उच्च पारिश्रमिक देने वाला बन गया है बल्कि साथ ही जॉब-सैटिस्फैक्शन प्रदान करने वाला व क्रिएटिव भी हो चुका है I

चरणबद्ध प्रक्रिया- बहुत पहले की बात नहीं है जब साहित्य में डिग्री व उच्च श्रेणी की संवाद-क्षमता रखने वाले लोगों को पत्रकारिता व इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जाता था परन्तु मानव-जीवन में तकनीक के बढ़ते हस्तक्षेप ने इस क्षेत्र में ऐसे ट्रेंड प्रोफेशनल्स की ज़रुरत पैदा कर दी है जो सभी प्रकार की ऑडियंस तक शीघ्र एवं प्रभावशाली ढंग से सन्देश पहुंचा सके I आज जब ब्लॉग्स का प्रचलन बहुत बढ़ गया है, कहा जाने लगा है कि कोई भी आसानी से पत्रकार बन सकता है परन्तु ज़मीनी हकीकत का निरीक्षण करने पर पता चलता है कि प्रशिक्षित प्रोफेशनल आज भी अपना एक अलग मुकाम रखते हैं I

शीघ्र पदार्पण- अभियांत्रिकी व चिकित्सा क्षेत्रों के विपरीत, जन-संचार में पदार्पण के लिए किसी पूर्व प्रचलित सिद्धांत या रणनीति की तैयारी की आवश्यकता नहीं होती I इस क्षेत्र में स्नातक की डिग्री के साथ शुरूआत की जा सकती है परन्तु किसी भी कंपनी के महत्वपूर्ण पदों के लिए परा-स्नातक होना आवश्यक माना जाता है I इसी दौरान आप स्वतंत्र रूप से विभिन्न प्रकाशकों व ऑन-लाइन पोर्टल के लिए काम कर सकते हैं तथा ब्लॉग्स पर लिख कर अपनी संवाद क्षमता को सुधार सकते हैं I परन्तु इसके लिए विचारों में निष्पक्षता, परिपक्वता व इनका तार्किक होना बहुत आवश्यक है I

क्या यह मेरे लिए सही करियर है?- इस सवाल के जवाब के लिए आपको विवेचनात्मक आत्म-निरीक्षण करना चाहिएI आपमें शब्दों को प्रयोग करने की रचनात्मकता होनी चाहिए तथा जटिलतम विषयों को सरलतम रूप में अधिकाधिक लोगों तक संप्रेषित करने की योग्यता होनी चाहिए I कठिन परिश्रम व धैर्य का होना यहाँ बहुत ज़रूरी है क्योंकि इस क्षेत्र में उच्च मुकाम हासिल करने में समय लगता है I

खर्चा कितना होगा?- शिक्षण शुल्क तथा विभिन्न प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप व फील्ड-वर्क पर होने वाले उच्च व्यय के कारण इस कोर्स को करने में खर्चा ज्यादा होता है I स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करने वाले अधिकतर संस्थान वार्षिक फीस के रूप में 60 ,000 से 2 लाख रुपये तक लेते हैं I तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए आपको लगभग तीन लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं I इसी प्रकार, भारतीय जन-संचार संस्थान से एकवर्षीय परा-स्नातक पाठ्यक्रम करने पर 40 ,000 से 2 लाख रुपये तक खर्चा आता है I जामिया मिलिया इस्लामिया के जन-संचार अनुसन्धान केंद्र द्वारा संचालित दो-वर्षीय परा-स्नातक कोर्स के १ लाख रुपये लगते हैं I

फंडिंग / छात्रवृत्ति- प्रिंट मीडिया (हिंदी एवं इंग्लिश) व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के पाठ्यक्रमों में प्रथम दो छात्रों को आईआईएमसी, वार्षिक फीस का आधा छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान करता है I इस संस्थान में कई और मेमोरियल स्कॉलरशिप मेरिट के आधार पर छात्रों को दी जाती हैI कई दूसरे संस्थान भी मेरिट के आधार पर छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं I इलाहाबाद बैंक व पंजाब नेशनल बैंक आदि राष्ट्रीयकृत बैंकों से छात्र निम्न ब्याज दर पर 5 .7 लाख रूपये तक का ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं I

रोज़गार के अवसर- जनसंचार में प्रोफेशनल कोर्स आपके लिए फिल्म और टीवी, प्रकाशन, जन-संपर्क, पत्रकारिता, सम्पादन, फिल्म-मेकिंग, स्क्रिप्ट-राइटिंग व प्रोडक्शन इत्यादि के क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार खोल देता है I संक्षिप्त में कहें तो जन-संचार एक व्यक्ति के लिए करियर में अपार विकल्प उपलब्ध करा देता है जिसके बाद वह अपनी रूचि के अनुसार कार्यक्षेत्र का चुनाव कर सकता है I प्रतिभाशाली व ट्रेंड व्यक्तियों के लिए पत्रकारिता, अभिनय, दिग्दर्शन, सम्पादन, लेखन, आरजे, वीजे, प्रोडक्शन जैसे हाई-पेइंग जॉब्स में अवसर सदैव उपलब्ध रहते हैं I

वेतनमान- आईआईएमसी, एमसीआरसी जामिया व सिम्बोइसिस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से निकले हुए छात्र आकर्षक वेतनमान वाली नौकरी पा लेते हैं जबकि दूसरे संस्थान जोकि अपेक्षाकृत कम जाने जाते हैं, के छात्रों को नौकरी ढूंढने में थोड़ी मुश्किल आती है I शुरू में एक जन-संचार प्रोफेशनल को 12 ,000 से 25 ,000 मासिक तक की नौकरी मिल जाती है जोकि पांच वर्ष के अनुभव के बाद 50 ,000 से एक लाख तक जा सकती है I

मांग और आपूर्ति- मास-कम्यूनिकेशन प्रोफेशनल के करियर में मांग एवं आपूर्ति का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है I वैश्विक आर्थिक तंगी ने कई हाई-प्रोफाईल पत्रकारों की जॉब पर जहां कैंची चलायी वहीं इस दौरान ग्रेजुएट्स को नौकरी के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा I दूसरी तरफ, नित नए एंटरटेनमेंट व न्यूज़ चैनलों के आने से इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की कमी बनी हुयी है तथा कई नए चैनलों के भविष्य में आने से मांग बढ़ेगी ही l साथ ही इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलने के पश्चात नयी नौकरियों का सृजन अवश्यम्भावी है l

मार्केट वॉच- अगले पांच वर्षों में 70 नए न्यूज़ चैनलों के इस क्षेत्र में पदार्पण करने से नौकरियों के अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं l विशेषकर पत्रकारिता और फिल्मों में कुशल ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विभिन्न पदों के लिए अवसरों की कमी नहीं है l चूंकि भारत विश्व में सबसे अधिक फिल्म निर्माण करने वाला देश है, यहाँ इस क्षेत्र में मांग सदैव बनी रहती है l तकनीकी रूप से कुशल मीडिया प्रोफेशनल्स टीवी चैनलों, प्रोडक्शन हाउस के लिए कार्य कर सकते हैं तथा वे स्वतंत्र रूप से वृत्तचित्र निर्माता भी बन सकते हैं l

अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन- रूपर्ट मर्डोक की न्यूज़ कॉर्पोरेशन, डिज्नी एंटरटेनमेंट, सीएनबीसी, वॉर्नर ब्रदर्स, गार्डियन समूह, बीबीसी, एबीसी जैसे कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कम्पनियां इस क्षेत्र में विभिन्न पदों एवं स्तरों के लिए नौकरियां उपलब्ध करा रही हैं l इन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में न केवल आकर्षक वेतन मिलता है वरन कई चुनौतीपूर्ण कार्य करने का अवसर भी प्राप्त होता है तथा भारतीयों को तो इन जगहों पर उनके अंग्रेज़ी ज्ञान के कारण प्राथमिकता भी दी जाती है l

सकारात्मक / नकारात्मक पहलू- किसी भी अन्य करियर की तरह ही जन-संचार के भी सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू हैं l जन-संचार के क्षेत्र विशेषतः न्यूज़ बिजनेस में आपकी प्रतिबद्धता तथा लगन सदैव दांव पर होते हैं तथा आपको अपने व्यक्तिगत जीवन के समय की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना पड़ता है I खबरों को ब्रेक करने के लिए एक पत्रकार को दिन-रात काम करना पड़ सकता है I इसी प्रकार जो लोग फिल्म व एंटरटेनमेंट उद्योग में कार्य करते हैं उन्हें भी अपने व्यक्तिगत जीवन की परवाह किये बिना अपने प्रोफेशन के लिए जोश के साथ काम करना होता है I संक्षिप्त रूप में, जन-संचार का क्षेत्र जॉब-सैटिसफैक्शन, नाम व प्रसिद्धि देने वाला तथा साथ ही चुनौतीपूर्ण भी होता है l

विभिन्न भूमिका व पदनाम-   

  • फैशन फोटोग्राफर  
  • फिल्म निर्देशक 
  • टीवी कॉरेसपोंडेंट
  • प्रोड्यूसर -
  • रेडियो जॉकी/आरजे -
  • स्क्रीनप्ले-राइटर -
  • साउंड इंजीनियर -
  • साउंड मिक्स़र/साउंड रिकॉर्डिस्ट -
  • विशेष संवाददाता -
  • वीडियो जॉकी -
  • कला निर्देशक -
  • सम्पादक -
  • इवेंट मैनेजर -
  • जन-संपर्क अधिकारी

नौकरी पाने के लिए ​सुझाव- जन-संचार संस्थान से कोर्स करने के अलावा आपमें इस क्षेत्र के लिए ज़रूरी गुण एवं आपकी इसमें रूचि ही आपको जॉब दिला सकती हैI जो अभ्यर्थी न्यूज़ मीडिया में करियर बनाने के इच्छुक हैं उनमें न्यूज़ और समसामयिक विषयों की अच्छी समझ होनी चाहिए I विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्तियों को रिपोर्टर के तौर पर रखा जाता है I इसी प्रकार, इलेक्ट्रौनिक मीडिया में रूचि रखने वालों को वीडियो एडिटिंग का प्रायोगिक ज्ञान होना चाहिए I अधिकांश मीडिया ट्रेनिंग संस्थान अपने छात्रों को इंटर्नशिप के लिए विभिन्न मीडिया कंपनियों में भेजते हैं जोकि कोर्स के उपरान्त अंततः उन्हें नौकरी दिलाने में सहायक सिद्ध होता है I

अग्रणी कम्पनियां- 

  • दैनिक जागरण  
  • हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप ऑफ़ पब्लिकेशन 
  • एनडीटीवी नेटवर्क 
  • जी टीवी नेटवर्क  
  • टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन समूह  
  • वाईकॉम  
  • बीबीसी  
  • टीवी 18 
  • बिग एंटरटेनमेंट इत्यादि

अग्रणी संस्थान- एजेके मास-कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नयी दिल्ली - भारतीय जन-संचार संस्थान, नयी दिल्ली - एशियन कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज्म, चेन्नई - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल - सिम्बोयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ़ मॉस-कम्यूनिकेशन, पुणे

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