नई दिल्ली : लोकप्रिय और महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा पुस्तक लिखने का सिललिसला तो पुराना है लेकिन इन पुस्तकों में समाहित सामग्री से बीते कुछ समय से विवाद सामने आते रहे हैं। ऐसा ही एक विवाद तब सामने आया जब कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री माग्र्रेट अल्वा ने, अपनी पुस्तक करेज एंड कमिटमेंट का विमोचन करने से पहले, उस पर चर्चा की। दरअसल उन्होंने अपनी पुस्तक के माध्यम से यह कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भूतपूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के प्रति संदेह जताया करती थीं। कांग्रेस नेत्री माग्र्रेट अल्वा ने पुस्तक के माध्यम से कई पुराने विवादों को याद किया है।
उनका कहना था कि दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से बोफोर्स मसले को खारिज कर दिया गया, जिसके विरूद्ध नरसिंह राव की अपील ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदेह को बढ़ा दिया था। प्रधानमंत्री के इस तरह के प्रयास के बाद सोनिया गांधी ने अल्वा से कहा कि क्या राव उन्हें जेल भेजना चाहते हैं? इस मामले में यह कहा गया कि बोफोर्स मसले पर सीबीआई से डील करने हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्णय पर सोनिया गांधी असंतुष्ट थी। जब भूतपूर्व प्रधानमंत्री राव का निधन हो गया तो अल्वा ने पार्टी के अपमानजनक रवैये पर दुख व्यक्त किया।
उनका कहना था कि राव के शव को एआईसीसी के परिसर में लाने नहीं दिया गया। अल्वा का कहना था कि भले ही पार्टी में किसी के कितने ही मतभेद हों राव का शव परिसर तक लाया जाना था। वे कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे थे। अल्वा ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने ने पार्टी में टिकट बिकने की बात कही थी जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।