देश में छत्तीसगढ़ नक्सली हिंसा मामले में सबसे आगे
देश में छत्तीसगढ़ नक्सली हिंसा मामले में सबसे आगे
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छत्तीसगढ़/रायपुर : वैसे तो देश में नक्सली हिंसा में छत्तीसगढ़ का नाम हर बार आता है, लेकिन इस बार देश के नक्सल प्रभावित 10 राज्यों में छत्तीसगढ़ ऐसा प्रदेश है, जहां पिछले पांच साल में नक्सली हिंसा में लगभग 924 की मौत हुई है। और इसके बाद दूसरा नंबर झारखंड का आता है, जहां इसी अवधि में 779 लोग मारे गए, जनवरी से अप्रैल 2015 तक 10 राज्यों में 79 लोग नक्सली वारदात का शिकार बने हैं, जिनमें से 46 लोग सिर्फ छत्तीसगढ़ में मारे गए हैं, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2010 में 343ए, 2011 में 204ए, 2012 में 109ए, 2013 में 111ए, 2014 में 111 तथा 2015 में अप्रैल तक 46 लोगों की मौत हुई है, कहा गया है कि वर्ष 2010 में सलवा जुडूम आंदोलन के खिलाफ 343 लोगों की हत्या हुई थी। बाद में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सलवा जुडूम स्थगित कर दिए जाने के बाद मौतों का आंकड़ा कम हुआ, जनवरी से अप्रैल 2015 यानी चार माह के आंकड़े के अनुसार भी छत्तीसगढ़ नक्सली वारदातों और हत्या के मामले में 10 राज्यों का 'सिरमौर' बना हुआ है।

आपको बता दे कि कुछ समय पहले ही छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला हुआ था और इसमें भी बहुत से पुलिसकर्मी मारे गए थे, पिछले चार महीने में नक्सली वारदात में 10 राज्यों में 79 लोग मारे गए और उनमें से केवल छत्तीसगढ़ में ही 46 लोगों की मौत हुई। इसी तरह देश में कुल 357 नक्सली वारदात हुईं, जिनमें छत्तीसगढ़ में 188 वारदात शामिल हैं, देश में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर 52 हमले किए, जिसमें सर्वाधिक 45 हमले छत्तीसगढ़ में तैनात सुरक्षा बलों पर हुए। यही नहीं, पिछले चार महीनों के दौरान प्रभावित राज्यों में नक्सली हिंसा में सुरक्षा बल के 34 जवान शहीद हो गए, जिनमें अकेले छत्तीसगढ़ के 28 जवान शामिल हैं, रायपुर स्थित विज्ञान महाविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. गिरीशकांत पांडे का कहना है कि दक्षिण बस्तर में गोलापल्ली ट्रैक पर नक्सलियों और पुलिस के बीच कब्जे को लेकर संघर्ष बढ़ा है। इस ट्रैक पर जगदलपुर, सुकमा, कोंटा और बीजापुर का क्षेत्र आता है, पिछले 40 वर्षो से यहां नक्सलियों का कब्जा रहा है। यहीं से नक्सली आंध्र, झारखंड, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। अब वहां सीआरपीएफ अपना आधार बनाने में प्रयासरत है, इसलिए नक्सली हमले में तेजी आई है।

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